अर्जुन उवाच
कृपया परयाऽऽविष्टो विषीदन्निदमब्रवीत्।
दृष्ट्वेमं स्वजनं कृष्ण युयुत्सुं समुपस्थितम्।।1.28।।
।।1.28 1.29।।अर्जुन ने कहा हे कृष्ण युद्ध की इच्छा रखकर उपस्थित हुए इन स्वजनों को देखकर मेरे अंग शिथिल हुये जाते हैं मुख भी सूख रहा है और मेरे शरीर में कम्प तथा रोमांच हो रहा है।।
Arjuna exclaims to Lord Krishna his reasoning in this verse with the words drstva iman svajanam after seeing all these kinsman and ends with me