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Bhagavad Gita Chapter 1 Verse 5
भगवद् गीता अध्याय 1 श्लोक 5
धृष्टकेतुश्चेकितानः काशिराजश्च वीर्यवान्।
पुरुजित्कुन्तिभोजश्च शैब्यश्च नरपुङ्गवः।।1.5।।
हिंदी अनुवाद - स्वामी तेजोमयानंद
।।1.5।।धृष्टकेतु चेकितान बलवान काशिराज पुरुजित् कुन्तिभोज और मनुष्यों में श्रेष्ठ शैब्य।
हिंदी टीका - स्वामी चिन्मयानंद जी
।।1.5।। No commentary.