विस्तरेणात्मनो योगं विभूतिं च जनार्दन।
भूयः कथय तृप्तिर्हि श्रृण्वतो नास्ति मेऽमृतम्।।10.18।।
।।10.18।। हे जनार्दन अपनी योग शक्ति और विभूति को पुन विस्तारपूर्वक कहिए? क्योंकि आपके अमृतमय वचनों को सुनते हुए मुझे तृप्ति नहीं होती।।
Although He is unborn yet the Supreme Lord Krishna removes the miseries for those who are born.Therefore He is known as Janardana the remover of afflictions. The Bavahraya text describes Janardana as the supreme unborn remover of affliction.