यच्चापि सर्वभूतानां बीजं तदहमर्जुन।
न तदस्ति विना यत्स्यान्मया भूतं चराचरम्।।10.39।।
।।10.39।।(टिप्पणी प0 567.1) हे अर्जुन सम्पूर्ण प्राणियोंका जो बीज है? वह बीज मैं ही हूँ क्योंकि मेरे बिना कोई भी चरअचर प्राणी नहीं है अर्थात् चरअचर सब कुछ मैं ही हूँ।
।।10.39।। हे अर्जुन जो समस्त भूतों की उत्पत्ति का बीज (कारण) है? वह भी में ही हूँ? क्योंकि ऐसा कोई चर और अचर भूत नहीं है? जो मुझसे रहित है।।