अहं सर्वस्य प्रभवो मत्तः सर्वं प्रवर्तते।
इति मत्वा भजन्ते मां बुधा भावसमन्विताः।।10.8।।
।।10.8।। मैं ही सबका प्रभव स्थान हूँ मुझसे ही सब (जगत्) विकास को प्राप्त होता है? इस प्रकार जानकर बुधजन भक्ति भाव से युक्त होकर मुझे ही भजते हैं।।
Lord Krishna uses the word matva meaning realisation of His Supreme Absolute position inspires one to perform bhajante mam or perform loving devotion unto Him. This clears up any and all misconceptions regarding the presence of individuality with the Supreme Lord.