महाभूतान्यहङ्कारो बुद्धिरव्यक्तमेव च।इन्द्रियाणि दशैकं च पञ्च चेन्द्रियगोचराः।।13.6।।
।।13.6।। पंच महाभूत? अहंकार? बुद्धि? अव्यक्त (प्रकृति)? दस इन्द्रियाँ? एक मन? इन्द्रियों के पाँच विषय।।
।।13.6।। See Commentary under 13.7