अप्रकाशोऽप्रवृत्तिश्च प्रमादो मोह एव च।
तमस्येतानि जायन्ते विवृद्धे कुरुनन्दन।।14.13।।
।।14.13।।हे कुरुनन्दन तमोगुणके बढ़नेपर अप्रकाश? अप्रवृत्ति? प्रमाद और मोह -- ये वृत्तियाँ भी पैदा होती हैं।
।।14.13।। हे कुरुनन्दन तमोगुण के प्रवृद्ध होने पर अप्रकाश? अप्रवृत्ति? प्रमाद और मोह ये सब उत्पन्न होते हैं।।