असत्यमप्रतिष्ठं ते जगदाहुरनीश्वरम्।
अपरस्परसम्भूतं किमन्यत्कामहैतुकम्।।16.8।।
।।16.8।।वे कहा करते हैं कि संसार असत्य? अप्रतिष्ठित और बिना ईश्वरके अपनेआप केवल स्त्रीपुरुषके संयोगसे पैदा हुआ है। इसलिये काम ही इसका कारण है? और कोई कारण नहीं है।
।।16.8।। वे कहते हैं कि यह जगत् आश्रयरहित? असत्य और ईश्वर रहित है? यह (स्त्रीपुरुष के) परस्पर कामुक संबंध से ही उत्पन्न हुआ है? और (इसका कारण) क्या हो सकता है