दातव्यमिति यद्दानं दीयतेऽनुपकारिणे।
देशे काले च पात्रे च तद्दानं सात्त्विकं स्मृतम्।।17.20।।
।।17.20।। दान देना ही कर्तव्य है इस भाव से जो दान योग्य देश? काल को देखकर ऐसे (योग्य) पात्र (व्यक्ति) को दिया जाता है? जिससे प्रत्युपकार की अपेक्षा नहीं होती है? वह दान सात्त्विक माना गया है।।