नियतस्य तु संन्यासः कर्मणो नोपपद्यते।
मोहात्तस्य परित्यागस्तामसः परिकीर्तितः।।18.7।।
।।18.7।।नियत कर्मका तो त्याग करना उचित नहीं है। उसका मोहपूर्वक त्याग करना तामस कहा गया है।
।।18.7।। नियत कर्म का त्याग उचित नहीं है मोहवश उसका त्याग करना तामस त्याग कहा गया है।।