नैनं छिन्दन्ति शस्त्राणि नैनं दहति पावकः।
न चैनं क्लेदयन्त्यापो न शोषयति मारुतः।।2.23।।
।।2.23।।शस्त्र इस शरीरीको काट नहीं सकते अग्नि इसको जला नहीं सकती जल इसको गीला नहीं कर सकता और वायु इसको सुखा नहीं सकती।
।।2.23।। इस आत्मा को शस्त्र काट नहीं सकते और न अग्नि इसे जला सकती है जल इसे गीला नहीं कर सकता और वायु इसे सुखा नहीं सकती।।