भयाद्रणादुपरतं मंस्यन्ते त्वां महारथाः।
येषां च त्वं बहुमतो भूत्वा यास्यसि लाघवम्।।2.35।।
।।2.35।।महारथीलोग तुझे भयके कारण युद्धसे उपरत हुआ मानेंगे। जिनकी धारणामें तू बहुमान्य हो चुका है उनकी दृष्टिमें तू लघुताको प्राप्त हो जायगा।
।।2.35।। और जिनके लिए तुम बहुत माननीय हो उनके लिए अब तुम तुच्छता को प्राप्त होओगे? वे महारथी लोग तुम्हें भय के कारण युद्ध से निवृत्त हुआ मानेंगे।।