महात्मानस्तु मां पार्थ दैवीं प्रकृतिमाश्रिताः।भजन्त्यनन्यमनसो ज्ञात्वा भूतादिमव्ययम्।।9.13।।
।।9.13।। हे पार्थ परन्तु दैवी प्रकृति के आश्रित महात्मा पुरुष मुझे समस्त भूतों का आदिकारण और अव्ययस्वरूप जानकर अनन्यमन से युक्त होकर मुझे भजते हैं।।