Bhagavad Gita Chapter 9 Verse 20 भगवद् गीता अध्याय 9 श्लोक 20 त्रैविद्या मां सोमपाः पूतपापा यज्ञैरिष्ट्वा स्वर्गतिं प्रार्थयन्ते। ते पुण्यमासाद्य सुरेन्द्रलोक मश्नन्ति दिव्यान्दिवि देवभोगान्।।9.20।। हिंदी अनुवाद - स्वामी तेजोमयानंद ।।9.20।। तीनों वेदों के ज्ञाता (वेदोक्त सकाम कर्म करने वाले)? सोमपान करने वाले एवं पापों से पवित्र हुए पुरुष मुझे यज्ञों के द्वारा पूजकर स्वर्ग प्राप्ति चाहते हैं वे पुरुष अपने पुण्यों के फलरूप इन्द्रलोक को प्राप्त कर स्वर्ग में दिव्य देवताओं के भोग भोगते हैं।। Brahma Vaishnava Sampradaya - Commentary