यान्ति देवव्रता देवान् पितृ़न्यान्ति पितृव्रताः।
भूतानि यान्ति भूतेज्या यान्ति मद्याजिनोऽपि माम्।।9.25।।
।।9.25।। देवताओं के पूजक देवताओं को प्राप्त होते हैं? पितरपूजक पितरों को जाते हैं? भूतों का यजन करने वाले भूतों को प्राप्त होते हैं और मुझे पूजने वाले भक्त मुझे ही प्राप्त होते हैं।।
Lord Krishna explains the results of worship according to the choice of the worshipper. It is up to each human being to exercise their gift of free will and use their discrimination. Since the Supreme Lord is the ultimate goal of all worship, His propitiation is encouraged by the result of attaining Him.