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फागुन को आग्यो आग्यो जी त्यौहार
फागण मेला श्याम का
होली खेलन खाटू जायेगे
मां शैलपत्री व्रत कथा
मेरे मुरली वाले श्याम मेरे घर आ जाना
तेरा रंग रूप निखर जायगो
खाटू श्याम तेरी नगरी पसंद आई गई
देवा ओ देवा
फागण आ गयो रे खाटू नगरी में सज गयो बाबो
मेला फागुन का आया है हमे श्याम ने
होरी में मत कर बरजोरी ओ बाँके छैल
चुनर मेरी मैली धोऊ कैसे सजाना
झाला देवो म्हारा श्याम धनि ने बोलू जय
सारी दुनिया दीवानी है श्याम की
श्याम मेरा है मैं चाहत करू मैं तेरी
खाटू वाले श्याम धनि तेरे दर पे रौनक हो
हे वीणा धारणी मैया
होली खेले नन्द लाला
किया बड़ा उपकार मुरली वाले ने
बल्ले बल्ले बल्ले बई होगी
बाला जी में होली
मैं होरी में जाउंगी
मेनू नचना नही औंदा सैयां
खाटू की गालिया सजी
सावरिया धोखे बाज़
छोटे छोटे घुंगरू छोटे छोटे पांव
खाटू नगरी में रंगों की बरसात हो गई
बाहर आ जाओ बांके बिहारी होली होगी
जबसे तुम्हे पाया
रंग रंगीला फागण आया
धड़कनो में बसा है श्याम मेरा
फागण का चढ़ा रंग
मुझे कर दे भव से पार श्याम मेरे खाटू
श्याम का दीवाना
बाबा को नचाना है
हाथों में केसरिया निशान
कान्हा कान्हा बोले भक्तों का जिया
चल खाटू रे फागण के मेले में
फागण का मेला है और चढ़ी खुमारी है
आया मेला झूम के जी खाटू वाले श्याम का
अंगना में आना मोरे दिल में समाना
मिजाजी म्हारो साँवरियो
घुमां दे मोरछडी़
साँवरे जब से मुझपे तेरी नज़र हो गई
चल श्याम धणी के द्वार रंगीला फागुण आया
सावरिया धोखे बाज़
निशान लेके चाला मेरे बाबा श्याम का
हाथों में ले श्याम ध्वजा
सारी दुनिया का बच्चा बच्चा
कान्हा हट को हठीलो रंग डार गयो री
संवारा लागे बूटीफुल
रंग चढ़ा है रे श्याम रंग चढ़ा है
हाथों में केसरिया निशान लेके चलना
दर दियो तेरे आगे कालजो निकाल रे
चल श्याम धणी के द्वार
फागुन की ग्यारस जब आ जाती है
श्याम पागल हमें बना दिया
सखी ऐसा मचा हुरदुंग लट्ठमार होरी में
तेरी मुरली ने कीता ए शुदैंन वे
साई मस्त मलंगा मेरा
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