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कोई लाख करे चतुरायी,
करम का लेख मिटे ना रे भाई,
जबसे बरसाने में आई,
मैं बड़ी मस्ती में हूँ,
माँ काली चालीसा - अरि मद मान मिटावन
ललिता सहस्त्रनाम स्त्रोत
बांके बिहारी लाल,
तेरी जय होवे,
मन में बसाकर तेरी मूर्ति,
उतारू में गिरधर तेरी आरती ॥
लेके गौरा जी को साथ भोले-भाले भोले नाथ,
काशी नगरी से आए हैं शिव शंकर।
नंद रानी तेरो लाला जबर भयो रे/री
महारानी तेरो लाला जबर भयो रे/री
बेला अमृत गया,
आलसी सो रहा बन आभागा,
झूलन चलो हिंडोलना, वृषभान नंदनी,
झूलन चलो हिडोलना, वृषभान नंदनी।
श्री तुलसी षोडशकनाम स्तोत्रम्
भाग्यद लक्ष्मी बारम्मा: मंत्र
परमात्मा है प्यारे,
तेरी आत्मा के अन्दर ।
आरती: श्री गणेश - शेंदुर लाल चढ़ायो
श्रीदेवीजी की आरती - जगजननी जय! जय!
खाटू के राजा कभी किरपा नजरिया,
भक्तो पे डालना रे,
दरबार तेरा दरबारों में,
एक ख़ास एहमियत रखता है।
मोहिनी मूरत प्यारी,
रंगीलो मेरो बनवारी,
जो भजे हरि को सदा,
जो भजे हरि को सदा,
हमारे दो ही रिश्तेदार,
एक हमारी राधा रानी,
दुर्गा है मेरी माँ,
अम्बे है मेरी माँ॥
यशोमती नन्दन बृजबर नागर,
गोकुल रंजन कान्हा,
शीश गंग अर्धंग पार्वती,
सदा विराजत कैलासी ।
तुम अपनी दया का सर पे,
मेरे हाथ धरो माँ,
मुझे अपनी शरण में ले लो राम, ले लो राम!
लोचन मन में जगह न हो तो
श्री गंगा मैया जी: आरती
कन्हैया कन्हैया पुकारा करेंगे,
लताओं में बृज की गुजारा करेंगे।
टाबरिया अरदास करे है,
मत ना टारो जी,
मन बस गयो नन्द किशोर,
अब जाना नहीं कही और,
तूने अजब रचा भगवान खिलौना माटी का,
माटी का रे, माटी का,
इस योग्य हम कहाँ हैं
इस योग्य हम कहाँ हैं,
बधैया बाजे आँगने में,
बधैया बाजे आँगने मे ॥
हर भक्तों के दिल से निकले,
एक यही आवाज़,
सावन आवन कह गया रे,
कर गया कोल अनेक,
जय रघुनन्दन, जय सिया राम ।
भजमन प्यारे, जय सिया राम ।
हरि जी! मेरी लागी लगन मत तोडना,
लाला* जी! मेरी लागी लगन मत तोडना,
राधे झूलन पधारो झुकी आए बदरा,
झुक आये बदरा झुकी आये बदरा,
पंथ निहारत, डगर बहारथ,
होता सुबह से शाम,
प्रथमे गौरा जी को वंदना,
द्वितीये आदि गणेश,
श्री गुरु अष्टकम
मन धीर धरो घबराओ नहीं,
श्री राम मिलेंगे कहीं ना कहीं,
तेरो लाल यशोदा छल गयो री,
मेरो माखन चुराकर बदल गयो री ॥
श्री हनुमान अष्टोत्तर-शतनाम-नामावली
जय सियाराम, बोलो जय सियाराम
जय सियाराम, बोलो जय सियाराम
मैं उस दरबार का सेवक हूँ,
जिस दर की अमर कहानी है,
पंच परमेष्ठी आरती
आरती: श्री राणी सती दादी जी
हे मुरलीधर छलिया मोहन,
हम भी तुमको दिल दे बैठे,
बाबा ये नैया कैसे,
डगमग डोली जाए,
मैं बालक तू माता शेरां वालिए,
है अटूट यह नाता शेरां वालिए ।
देखो देखो यह गरीबी, यह गरीबी का हाल,
कृष्ण के दर पे यह विशवास ले के आया हूँ।
श्री नारायण कवच
मुझे दास बनाकर रख लेना,
भगवान तू अपने चरणों में,
मुझे चरणो से लगा ले,
मेरे श्याम मुरली वाले,
भगवान शिव शतनाम-नामावली स्तोत्रम्!
म्हारी पत राखो गोपाल,
एक बस थारो सहारो है,
मुझे कैसी फिकर सांवरे,
साथ तेरा है गर सांवरे,
गलियां चारों बंद हुई,
मिलूं कैसे हरी से जाये ।
कृपालु भगवन् कृपा हो करते,
इसी कृपा से नर तन मिला है ।
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