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श्याम के बिना तुम आधी,
तुम्हारे बिना श्याम आधे,
भवसागर तारण कारण हे ।
रविनन्दन बन्धन खण्डन हे ॥
मन की मुरादें, पूरी कर माँ,
दर्शन करने को मैं तो आउंगी ।
बोला प्रभु से यूँ केवट,
यह विनती है सरकार,
शिव है दयालु, शिव है दाता
शिव पालक है इस श्रिष्टि के
आए हैं प्रभु श्री राम,
भरत फूले ना समाते हैं ।
नाग स्तोत्रम्
श्री मातृ पञ्चकम्
महिमा कही ना जाए,
बाबा श्याम की,
रचा है सृष्टि को जिस प्रभु ने,
रचा है सृष्टि को जिस प्रभु ने,
द्वार पे गुरुदेव के हम आ गए ।
ज्योति में दर्शन गुरु का पा गए ॥
शिव नाम से है,
जगत में उजाला ।
ॐ जय जगदीश हरे आरती
निगुरे नहीं रहना
सुन लो चतुर सुजान निगुरे नहीं रहना..
एक दिन मेरे घर आना मेरे बांके बिहारी,
एक दिन मेरे घर आना मेरे बांके बिहारी,
श्री नृसिंह कवच: मंत्र
ऊँ शिव गोरक्ष योगी
गंगे हर-नर्मदे हर, जटाशङ़्करी हर ऊँ
रखवाला प्रतिपाला,
मेरा लाल लंगोटे वाला,
पूछ रही राधा बताओ गिरधारी,
मैं लगु प्यारी या बंसी है प्यारी ।
हिम्मत ना हारिए,
प्रभु ना बिसारिए ।
सजा दो घर को गुलशन सा,
अवध में राम आए हैं,
श्री शिवसहस्रनामावली
श्री सूर्य देव - ऊँ जय कश्यप नन्दन।
सुख के सब साथी,
दुःख में ना कोई ।
दोहा:
बाबा थारी मोरछड़ी,
मेरे सोये भाग जगा भी दो,
शिव डमरू वाले,
मेरो राधा रमण गिरधारी,
गिरधारी श्याम बनवारी,
राम दरबार है जग सारा,
राम ही तीनो लोक के राजा,
बाँधा था द्रौपदी ने तुम्हे,
चार तार में ।
सुबह सवेरे लेकर तेरा नाम प्रभु,
करते हैं हम शुरु आज का काम प्रभु ।
सतगुरु मैं तेरी पतंग,
बाबा मैं तेरी पतंग,
भगवान श्री विश्वकर्मा चालीसा
शिव का नाम लो ।
हर संकट में ॐ नमो शिवाय,
श्री बद्रीनाथजी की आरती
॥ स्तुति ॥
मैं नही जानू पूजा तेरी, पर तू ना करना
मुझे तूने मालिक,
बहुत कुछ दिया है ।
गुरुदेव आरती - श्री नंगली निवासी
सप्तश्लोकी दुर्गा स्तोत्रम्
बंसी वाले तेरी बांसुरी कमाल कर गयी,
कमाल कर गई जी कमाल कर गई,
आरती: वैष्णो माता
श्री शिवमङ्गलाष्टकम्
खुशी सबको मिली भारी,
अवध में राम आये है,
श्री हनुमान स्तवन -
जीवन है तेरे हवाले,
मुरलिया वाले,
गजेंद्र मोक्ष स्तोत्र - श्री विष्णु
लचकि लचकि आवत मोहन,
आवे मन भावे
महादेव शंकर हैं जग से निराले,
बड़े सीधे साधे बड़े भोले भाले ।
श्री राम, जय राम, जय जय राम
श्री राम, जय राम, जय जय राम
शंकर तेरी जटा से,
बहती है गंग धारा,
मुझको नवल उत्थान दो ।
माँ सरस्वती! वरदान दो ॥
श्री राम स्तुति: श्री रामचन्द्र
संतोषी माता चालीसा
श्री राधा: आरती श्री वृषभानुसुता की
श्री ललिता माता की आरती
तेरा पल पल बीता जाए,
मुख से जप ले नमः शिवाय।
भजन श्याम सुंदर का जो करते रहोगे,
तो संसार सागर तरते रहोगे ।
रख लाज मेरी गणपति,
अपनी शरण में लीजिए ।
हे गोवर्धन गिरधारी,
तुझे पूजे दुनिया सारी,
जय जय राधा रमण हरी बोल,
जय जय राधा रमण हरि बोल ॥
हे माँ, हे माँ, हे माँ, हे माँ
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