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मुझे रंग दे ओ रंगरेज,
चुनरिया सतरंगी,
मंदिर अब बनने लगा है,
भगवा रंग चढ़ने लगा है,
राम नाम जपते रहो,
जब तक घट घट मे प्राण ।
श्री खाटू श्याम चालीसा
प्रभु जो तुम्हे हम,
बताकर के रोये,
तू टेढ़ा तेरी टेढ़ी रे नजरिया,
मै सीधी मेरी सीधी रे डगरिया,
श्री हरि स्तोत्रम्
तेरे नाम का करम है ये सारा,
भक्तो पे छाया है सुरूर शेरावालिये,
यशोमती मैया से बोले नंदलाला
राधा क्यों गोरी मैं क्यों काला ॥
घर आये राम लखन और सीता,
अयोध्या सुन्दर सज गई रे,
हमारे हैं श्री गुरुदेव,
हमें किस बात की चिंता,
बेलपत्र / बिल्वपत्र चढ़ाने का मंत्र
चौसठ जोगणी रे भवानी,
देवलिये रमजाय,
श्री सूर्य देव चालीसा
सिद्ध कुञ्जिका स्तोत्रम्
कभी राम बनके कभी श्याम बनके,
चले आना प्रभुजी चले आना ॥
राम रस बरस्यो री,
आज म्हारे आंगन में ।
कहन लागे मोहन मैया मैया,
पिता नंद महर सों बाबा बाबा,
मुझे जो भी कुछ मिला है,
तुमने ही सब दिया है,
जय हो जय जय है गौरी नंदन - आरती
शिव आरती - ॐ जय शिव ओंकारा
बृन्दावन का कृष्ण कन्हैया
सब की आँखों का तारा
सांझ सवेरे नैन बिछा के,
राह तकु रघुनन्दन की,
एक दिन बोले प्रभु रामचंद्र,
मैं मन की बात बताता हूँ,
किस लिए आस छोड़े कभी ना कभी,
क्षण विरह के मिलन में बदल जाएंगे ।
मंगल की सेवा सुन मेरी देवा,
हाथ जोड तेरे द्वार खडे ।
मन फूला फूला फिरे,
जगत में कैसा नाता रे ॥
आरती: श्री बाल कृष्ण जी
बाँके बिहारी की बाँसुरी बाँकी,
पे सुदो करेजा में घाव करे री,
नित रटूं नाम बाबा,
आज्या काम आज,
आ माँ आ तुझे दिल ने पुकारा ।
दिल ने पुकारा तू है मेरा सहारा माँ ॥
श्री तुलसी स्तुति
दोहा:
जोगनिया का भेष बनाके,
वो कौन है जिसने,
हम को दी पहचान है,
शंकर तेरी जटा से,
बहती है गंग धारा
नर्मदा आरती
तो क्या जो ये
पीड़ा का पर्वत
मैं सहारे तेरे,
श्याम प्यारे मेरे,
सारे जहाँ के मालिक, तेरा ही आसरा है,
राजी हैं हम उसी में, जिस में तेरी रजा
श्याम ऐसो जिया में,
समाए गयो री,
पटना के घाट पर,
हमहु अरगिया देब,
जय सन्तोषी माता: आरती
देख लिया संसार हमने देख लिया,
सब मतलब के यार हमने देख लिया ।
सांवरा जब मेरे साथ है,
हमको डरने की क्या बात है ।
माँ ! मुझे तेरी जरूरत है ।
कब डालोगी, मेरे घर फेरा
मेरा दिल तो दीवाना हो गया,
मुरली वाले तेरा,
श्री हनुमान जी आरती
हे गिरधर गोपाल लाल तू,
आजा मोरे आँगना,
दादी जी झूलो तो घालयो
थे झूलो री म्हारी मायड़ तो मन हरषे
दे प्रभो वरदान ऐसा,
दे विभो वरदान ऐसा ।
श्री विघ्ननिवारक सिद्धिविनायक
चुटकी बजाये हनुमान,
प्रभु का करे ध्यान,
राधे जय जय माधव-दयिते
गोकुल-तरुणी-मंडल-महिते
ओम जय कैला रानी - कैला माता आरती
मोहन से दिल क्यूँ लगाया है,
ये मैं जानू या वो जाने,
भोर भई दिन चढ़ गया मेरी अम्बे,
हो रही जय जय कार मंदिर विच आरती जय माँ ।
ॐ
शंकर शिव भोले उमापति महादेव
भला किसी का कर ना सको तो,
बुरा किसी का मत करना,
राम को मांग ले मेरे प्यारे
उम्र भर को सहारा मिलेगा
मन की तरंग मार लो, बस हो गया भजन।
आदत बुरी संवार लो, बस हो गया भजन॥
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