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आया हूँ मैं दरबार तुम्हारे, सारे जग से
प्यारी ओ प्यारी मैया,
ओ प्यारी प्यारी मैया,
दर्शन देता जाइजो जी,
सतगुरु मिलता जाइजो जी ।
एक तू ही मेरा जग बेगाना,
कन्हैया मेरी लाज रखना,
हरि नाम नहीं तो जीना क्या
अमृत है हरि नाम जगत में,
विन्ध्येश्वरी आरती: सुन मेरी देवी
श्री बालाजी आरती, ॐ जय हनुमत वीरा
जिसकी लागी रे लगन भगवान में,
उसका दिया रे जलेगा तूफान में।
तेरी मंद-मंद मुस्कनिया पे,
बलिहार संवारे जू ।
नन्द बाबा के अंगना देखो,
बज रही आज बधाई,
राधा प्रियम, सरस सुन्दर, प्रेम धामम,
गोपी प्रियम, मदन जीत, नैनाभी रामम ।
मंगल को जन्मे,
मंगल ही करते,
सीता के राम थे रखवाले,
जब हरण हुआ तब कोई नहीं ॥
पार करो मेरा बेडा भवानी,
पार करो मेरा बेडा।
बृहस्पति स्तोत्रं - स्कन्दपुराणे
यहाँ वहाँ जहाँ तहाँ,
मत पूछो कहाँ-कहाँ,
किशोरी कुछ ऐसा इंतजाम हो जाए ।
किशोरी कुछ ऐसा इंतजाम हो जाए ।
आग बहे तेरी रग में
तुझसा कहाँ कोई जग में
मेरो कान्हा गुलाब को फूल,
किशोरी मेरी कुसुम कली ॥
तुम्ही हो माता, पिता तुम्ही हो ।
तुम्ही हो बंधू, सखा तुम्ही हो ॥
हनुमान द्वादश नाम स्तोत्रम: मंत्र
ये सारे खेल तुम्हारे है,
जग कहता खेल नसीबों का,
अनमोल तेरा जीवन,
यूँ ही गँवा रहा है,
तोरा मन दर्पण कहलाए,
भले, बुरे, सारे कर्मों को,
तुझसा दयालु नहीं प्यारे,
प्यारे प्यारे प्यारे ॥
विनय चालीसा - नीम करौरी बाबा
सीता राम जी प्यारी राजधानी लागे,
राजधानी लागे,
बारिशों की छम छम में
बारिशों की छम छम में,
वीर हनुमाना अति बलवाना,
राम नाम रसियो रे,
देखो पावन परम श्री राम के चरण,
श्री राम के चरण, प्रभु राम के चरण,
हर देश में तू, हर भेष में तू,
तेरे नाम अनेक तू एक ही है,
श्री सूर्य देव - ऊँ जय सूर्य भगवान
राम से बड़ा राम का नाम,
जो सुमिरे भव पार हो जाए,
भीलनी परम तपश्विनी,
शबरी जाको नाम ।
भक्ति का दीप मन में जलाये रखना,
प्रभु चरणों में मुझको बिठाये रखना,
मन के मंदिर में प्रभु को बसाना,
बात हर एक के बस की नहीं है,
चोख पुरावो, माटी रंगावो,
आज मेरे पिया घर आवेंगे
अगर नाथ देखोगे अवगुण हमारे,
तो हम कैसे भव से लगेंगे किनारे ॥
पहिले पहिल हम कईनी,
छठी मईया व्रत तोहार ।
शेर पे सवार मेरी शेरांवाली माँ
पहाड़ों में बसी मेरी मेहरावाली माँ
मंदिर में आओ मोहन,
दर्शन को भीड़ है,
श्री शनि देव: आरती कीजै नरसिंह कुंवर
शीतला माता की आरती
त्वमेव माता च पिता त्वमेव।
त्वमेव बन्धुश्च सखा त्वमेव।
श्री दुर्गा चालीसा
श्री नर्मदा चालीसा - जय जय नर्मदा
तेरे बरसाने में है,
बेसहारों को सहारा,
कभी प्यासे को पानी पिलाया नहीं,
बाद अमृत पिलाने से क्या फायदा,
साँची ज्योतो वाली माता,
तेरी जय जय कार ।
तेरे द्वार खड़ा,
तेरे द्वार खडा,
श्री भैरव चालीसा
साँवरे सा कौन,
सांवरे सा कौन,
दृष्टि हम पे दया की माँ डालो,
बडी संकट की आई घड़ी है ।
द्वारे तिहारे बड़ी भीड़ हो जगदम्बे-मैया
नमो नमो जय, नमो शिवाय
नमो नमो जय, नमो शिवाय
श्री पार्वती चालीसा
राम नाम ही सत्य है केवल,
राम का गुणगान करो,
तुम करुणा के सागर हो प्रभु
मेरी गागर भर दो थके पाँव है
ओ मेरे गोपाल कन्हैया,
मोहन मुरली वाले,
यह तो प्रेम की बात है उधो,
बंदगी तेरे बस की नहीं है।
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