बन्दे ओ बन्दे रे छोड़ सारे धंधे नाता गुरु से जोड़ लें हो हो हो बन्दे ओ बन्दे रे छोड़ सारे धंधे नाता गुरु से जोड़ लें हो हो हो तेरी मेरी मेरी तेरी ना कर प्यारे खाली है ये मन की ये गागर प्यारे गुरु से ज्ञान पाकर मधुबन में आकर चादर धरम की ओढ लें,,,ले,,,ले  बन्दे ओ बन्दे पित्ती पत्ती डालीं डाली डेरा डाला माया ने है सारे जग में धेरा डाला कर लें कमाई सुन ओ मेरे भाई अपने को गुरू संग जोड़ लें,, लें,,,ले  बन्दे ओ बन्दे दुनिया का गुरु है ये ढंग निराला ऊपर है उजला भीतर है काला भक्त मंडल ये विनती करें तुमसे अपनी शरण में जोड़ लें ले ले  बन्दे ओ बन्दे रे भजन स्वयं का लिखा हुआ है   , रधुवंशी ,, bande o bande te chod saare dhande naata guru se jod bande o bande re chhod saare dhandhe naata guru se jod len ho ho ho teri meri meri teri na kar pyaare khaali hai ye man ki ye gaagar pyaare guru se gyaan paakar mdhuban me aakar chaadar dharam ki odh len,,,le,,,le  bande o bande pitti patti daaleen daali dera daalaa maaya ne hai saare jag me dhera daalaa kar len kamaai sun o mere bhaaee apane ko guroo sang jod len,, len,,,le  bande o bande duniya ka guru hai ye dhang niraalaa oopar hai ujala bheetar hai kaalaa bhakt mandal ye vinati karen tumase apani sharan me jod len le le  bande o bande re bhajan svayan ka likha hua hai   , rdhuvanshi ,, SOURCE: http://www.yugalsarkar.com/lyrics/bande-o-bande-te-chod-saare-dhande-naata-guru-se-jod-Lyrics