नन्द लाला ने बरसाने में खेली ऐसी होली रे,
मैं तो सांवरियां की हो ली रे,
तन मन चोला साडी चुनर भीग गई मेरी चोली रे,
मैं तो सांवरियां की हो ली रे,
गल्लां पे मेरे रंग लगा के तिरक्षण तिरक्षण नैन चला के,
कह गया मीठी बोली रे,
मैं तो सांवरियां की हो ली रे,
जीवन के सब राग बदल गए सोते सोते भाग बदल गए,
किस्मत मेरी खोली रे,
मैं तो सांवरियां की हो ली रे,
बरसाने की नार नवेली क्या करती रह गई अकेली,
वो तो संग सखा की टोली रे,
मैं तो सांवरियां की हो ली रे,
दया नन्द मेरे मन वासियां ने होली के या रंग रसिया ने,
मेरे दिल की कुण्डी खोली रे,
मैं तो सांवरियां की हो ली रे,
nand laala ne barasaane me kheli aisi holi re,
mainto saanvariyaan ki ho li re
tan man chola saadi chunar bheeg gi meri choli re,
mainto saanvariyaan ki ho li re
gallaan pe mere rang laga ke tirakshn tirakshn nain chala ke,
kah gaya meethi boli re,
mainto saanvariyaan ki ho li re
jeevan ke sab raag badal ge sote sote bhaag badal ge,
kismat meri kholi re,
mainto saanvariyaan ki ho li re
barasaane ki naar naveli kya karati rah gi akeli,
vo to sang skha ki toli re,
mainto saanvariyaan ki ho li re
daya nand mere man vaasiyaan ne holi ke ya rang rasiya ne,
mere dil ki kundi kholi re,
mainto saanvariyaan ki ho li re
nand laala ne barasaane me kheli aisi holi re,
mainto saanvariyaan ki ho li re