मेरे मन में है राम, मेरे तन में है राम । मेरे नैनो की नगरिया में राम है ॥ Mere Man Me Hai Ram मेरे मन में है राम, मेरे तन में है राम । मेरे नैनो की नगरिया में राम है ॥ मेरे रोम रोम के है राम ही रमिया, साँसों के स्वामी, मेरी नैया के खिवैया। कण कण में हैं राम, त्रिभुवन में हैं राम, नीले नभ की अटरिया में राम है॥ जनम जनम का जिन से है नाता, मन जिन के पल छीन गुण गाता। गुण धुन में है राम, रन झुन में है राम, सारे जग की डगरिया में राम है॥ जहाँ कहीं देखूं वहीं राम की है माया, सब ही के साथ श्री राम जी की छाया । सुमिरन में है राम, दर्शन में है राम, मेरे मन की मुरलिया में राम है॥ SOURCE: http://www.yugalsarkar.com/lyrics/mere-man-me-hai-ram-Lyrics