Download Bhajan as .txt File Download Bhajan as IMAGE File

भावयामि गोपालबालं

भावयामि गोपालबालं मन-
स्सेवितं तत्पदं चिन्तयेहं सदा ॥
भावयामि गोपालबालं मन-
स्सेवितं तत्पदं चिन्तयेहं सदा ॥

कटि घटित मेखला खचितमणि घण्टिका-
पटल निनदेन विभ्राजमानम् ।
कुटिल पद घटित सङ्कुल शिञ्जितेनतं
चटुल नटना समुज्ज्वल विलासम् ॥

भावयामि गोपालबालं मन-
स्सेवितं तत्पदं चिन्तयेहं सदा ॥

निरतकर कलित नवनीतं ब्रह्मादि
सुर निकर भावना शोभित पदम् ।
तिरुवेङ्कटाचल स्थितम् अनुपमं हरिं
परम पुरुषं गोपालबालम् ॥

भावयामि गोपालबालं मन-
स्सेवितं तत्पदं चिन्तयेहं सदा ॥

भावयामि गोपालबालं मन-
स्सेवितं तत्पदं चिन्तयेहं सदा ॥
भावयामि गोपालबालं मन-
स्सेवितं तत्पदं चिन्तयेहं सदा ॥



bhaavayaami gopaalabaalan man-
ssevitan tatpadan chintayehan sada ..

bhaavayaami gopaalabaalan man-
ssevitan tatpadan chintayehan sada ..
bhaavayaami gopaalabaalan man-
ssevitan tatpadan chintayehan sada ..

kati ghatit mekhala khchitamani ghantikaa-
patal ninaden vibhraajamaanam .
kutil pad ghatit sankul shinjitenatan
chatul natana samujjval vilaasam ..

bhaavayaami gopaalabaalan man-
ssevitan tatpadan chintayehan sada ..

niratakar kalit navaneetan brahamaadi
sur nikar bhaavana shobhit padam .
tiruvenkataachal sthitam anupaman harin
param purushan gopaalabaalam ..

bhaavayaami gopaalabaalan man-
ssevitan tatpadan chintayehan sada ..

bhaavayaami gopaalabaalan man-
ssevitan tatpadan chintayehan sada ..
bhaavayaami gopaalabaalan man-
ssevitan tatpadan chintayehan sada ..







Bhajan Lyrics View All

जिनको जिनको सेठ बनाया वो क्या
उनसे तो प्यार है हमसे तकरार है ।
मैं मिलन की प्यासी धारा
तुम रस के सागर रसिया हो
फाग खेलन बरसाने आये हैं, नटवर नंद
फाग खेलन बरसाने आये हैं, नटवर नंद
सब दुख दूर हुए जब तेरा नाम लिया
कौन मिटाए उसे जिसको राखे पिया
मेरी बाँह पकड़ लो इक बार,सांवरिया
मैं तो जाऊँ तुझ पर कुर्बान, सांवरिया
मैं तो तुम संग होरी खेलूंगी, मैं तो तुम
वा वा रे रासिया, वा वा रे छैला
दिल की हर धड़कन से तेरा नाम निकलता है
तेरे दर्शन को मोहन तेरा दास तरसता है
मेरा अवगुण भरा शरीर, कहो ना कैसे
कैसे तारोगे प्रभु जी मेरो, प्रभु जी
सांवरे से मिलने का, सत्संग ही बहाना है,
चलो सत्संग में चलें, हमें हरी गुण गाना
तू कितनी अच्ची है, तू कितनी भोली है,
ओ माँ, ओ माँ, ओ माँ, ओ माँ ।
दुनिया से मैं हारा तो आया तेरे द्वार,
यहाँ से गर जो हरा कहाँ जाऊँगा सरकार
राधा कट दी है गलिआं दे मोड़ आज मेरे
श्याम ने आना घनश्याम ने आना
मुझे चाहिए बस सहारा तुम्हारा,
के नैनों में गोविन्द नज़ारा तुम्हार
जय राधे राधे, राधे राधे
जय राधे राधे, राधे राधे
प्रभु कर कृपा पावँरी दीन्हि
सादर भारत शीश धरी लीन्ही
ऐसी होली तोहे खिलाऊँ
दूध छटी को याद दिलाऊँ
इक तारा वाजदा जी हर दम गोविन्द गोविन्द
जग ताने देंदा ए, तै मैनु कोई फरक नहीं
वृन्दावन धाम अपार, जपे जा राधे राधे,
राधे सब वेदन को सार, जपे जा राधे राधे।
श्याम बुलाये राधा नहीं आये,
आजा मेरी प्यारी राधे बागो में झूला
शिव कैलाशों के वासी, धौलीधारों के राजा
शंकर संकट हारना, शंकर संकट हारना
श्यामा प्यारी मेरे साथ हैं,
फिर डरने की क्या बात है
श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम
लोग करें मीरा को यूँ ही बदनाम
तू राधे राधे गा ,
तोहे मिल जाएं सांवरियामिल जाएं
नगरी हो अयोध्या सी,रघुकुल सा घराना हो
चरन हो राघव के,जहा मेरा ठिकाना हो
मेरे बांके बिहारी बड़े प्यारे लगते
कही नज़र न लगे इनको हमारी
राधे राधे बोल, राधे राधे बोल,
बरसाने मे दोल, के मुख से राधे राधे बोल,
कोई पकड़ के मेरा हाथ रे,
मोहे वृन्दावन पहुंच देओ ।
किसी को भांग का नशा है मुझे तेरा नशा है,
भोले ओ शंकर भोले मनवा कभी न डोले,
ज़िंदगी मे हज़ारो का मेला जुड़ा
हंस जब जब उड़ा तब अकेला उड़ा
नी मैं दूध काहे नाल रिडका चाटी चो
लै गया नन्द किशोर लै गया,

New Bhajan Lyrics View All

मैया ऊंचे भवन विराजो,
जयकारा गूंजे गली गली...
कलयुग में बाबा श्याम का जादू,
भक्तो के सर चढ़ जाएगा,
लक्ष्मी चालीसा
हो मेला फागन दा,
औंदा है हर साल,
जय श्री राम जय श्री राम,
जब तक सूरज, सूरज चाँद रहेगा,