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श्री गुरु अष्टकम

शरीरं सुरुपं तथा वा कलत्रं
यशश्चारू चित्रं धनं मेरुतुल्यम् ।
मनश्चेन्न लग्नं गुरोरंघ्रिपद्मे
ततः किं ततः किं ततः किं ततः किम् ॥ 1 ॥

कलत्रं धनं पुत्रपौत्रादि सर्वं
गृहं बान्धवाः सर्वमेतद्धि जातम् ।
मनश्चेन्न लग्नं गुरोरंघ्रिपद्मे
ततः किं ततः किं ततः किं ततः किम् ॥ 2 ॥

षडंगादिवेदो मुखे शास्त्रविद्या
कवित्वादि गद्यं सुपद्यं करोति ।
मनश्चेन्न लग्नं गुरोरंघ्रिपद्मे
ततः किं ततः किं ततः किं ततः किम् ॥ 3 ॥

विदेशेषु मान्यः स्वदेशेषु धन्यः
सदाचारवृत्तेषु मत्तो न चान्यः ।
मनश्चेन्न लग्नं गुरोरंघ्रिपद्मे
ततः किं ततः किं ततः किं ततः किम् ॥ 4 ॥

क्षमामण्डले भूपभूपालवृन्दैः
सदा सेवितं यस्य पादारविन्दम् ।
मनश्चेन्न लग्नं गुरोरंघ्रिपद्मे
ततः किं ततः किं ततः किं ततः किम् ॥ 5 ॥

यशो मे गतं दिक्षु दानप्रतापात्
जगद्वस्तु सर्वं करे सत्प्रसादात् ।
मनश्चेन्न लग्नं गुरोरंघ्रिपद्मे
ततः किं ततः किं ततः किं ततः किम् ॥ 6 ॥

न भोगे न योगे न वा वाजिराजौ
न कान्तासुखे नैव वित्तेषु चित्तम् ।
मनश्चेन्न लग्नं गुरोरंघ्रिपद्मे
ततः किं ततः किं ततः किं ततः किम् ॥ 7 ॥

अरण्ये न वा स्वस्य गेहे न कार्ये
न देहे मनो वर्तते मे त्वनर्घ्ये ।
मनश्चेन्न लग्नं गुरोरंघ्रिपद्मे
ततः किं ततः किं ततः किं ततः किम् ॥ 8 ॥

[Additional]
अनर्घ्याणि रत्नादि मुक्तानि सम्यक्
समालिंगिता कामिनी यामिनीषु ।
मनश्चेन्न लग्नं गुरोरंघ्रिपद्मे
ततः किं ततः किं ततः किं ततः किम् ॥

गुरोरष्टकं यः पठेत्पुण्यदेही
यतिर्भूपतिर्ब्रह्मचारी च गेही ।
लभेत् वांछितार्थ पदं ब्रह्मसंज्ञं
गुरोरुक्तवाक्ये मनो यस्य लग्नम् ॥

श्री शङ्कराचार्य कृतं!



shareeran surupan ttha va kalatrn
yshashchaaroo chitrn dhanan merutulyam .

shareeran surupan ttha va kalatrn
yshashchaaroo chitrn dhanan merutulyam .
manashchenn lagnan guroranghripadme
tatah kin tatah kin tatah kin tatah kim .. 1 ..

kalatrn dhanan putrpautraadi sarvan
garahan baandhavaah sarvametaddhi jaatam .
manashchenn lagnan guroranghripadme
tatah kin tatah kin tatah kin tatah kim .. 2 ..

shadangaadivedo mukhe shaastrvidyaa
kavitvaadi gadyan supadyan karoti .
manashchenn lagnan guroranghripadme
tatah kin tatah kin tatah kin tatah kim .. 3 ..

videsheshu maanyah svadesheshu dhanyah
sadaachaaravritteshu matto n chaanyah .
manashchenn lagnan guroranghripadme
tatah kin tatah kin tatah kin tatah kim .. 4 ..

kshmaamandale bhoopbhoopaalavrindaih
sada sevitan yasy paadaaravindam .
manashchenn lagnan guroranghripadme
tatah kin tatah kin tatah kin tatah kim .. 5 ..

ysho me gatan dikshu daanaprataapaat
jagadvastu sarvan kare satprasaadaat .
manashchenn lagnan guroranghripadme
tatah kin tatah kin tatah kin tatah kim .. 6 ..

n bhoge n yoge n va vaajiraajau
n kaantaasukhe naiv vitteshu chittam .
manashchenn lagnan guroranghripadme
tatah kin tatah kin tatah kin tatah kim .. 7 ..

aranye n va svasy gehe n kaarye
n dehe mano vartate me tvanarghye .
manashchenn lagnan guroranghripadme
tatah kin tatah kin tatah kin tatah kim .. 8 ..

additional
anarghyaani ratnaadi muktaani samyak
samaalingita kaamini yaamineeshu .
manashchenn lagnan guroranghripadme
tatah kin tatah kin tatah kin tatah kim ..

gurorashtakan yah pthetpunyadehi
yatirbhoopatirbrahamchaari ch gehi .
lbhet vaanchhitaarth padan brahamasangyn
guroruktavaakye mano yasy lagnam ..

shri shankaraachaary kritan!







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