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एकादशी माहात्म्य कथाएँ (एकादशी व्रत कथा)

Ekadashi Vrat Katha (Ekadasi Katha)

कथा 16 - Katha 16

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आषाढ़मास शुक्ल पक्ष की 'शयनी ' एकादशी का माहात्म्य

आषाढ़मास शुक्लपक्षकी 'शयनी ' एकादशीका माहात्म्य

युधिष्ठिरने पूछा—भगवन्! आषाढ़के शुक्लपक्षमें कौन-सी एकादशी होती है? उसका नाम और विधि क्या है ? यह बतलानेकी कृपा करें।

भगवान् श्रीकृष्ण बोले—राजन्! आषाढ़ शुक्लपक्षकी एकादशीका नाम 'शयनी' है। मैं उसका वर्णन करता हूँ। वह महान् पुण्यमयी, स्वर्ग एवं मोक्ष प्रदान करनेवाली, सब पापोंको हरनेवाली तथा उत्तम व्रत है। आषाढ़ शुक्लपक्षमें शयनी एकादशीके दिन जिन्होंने कमल- -पुष्पसे कमललोचन भगवान् विष्णुका पूजन तथा एकादशीका उत्तम व्रत किया है, उन्होंने तीनों लोकों और तीनों सनातन देवताओंका पूजन कर लिया। हरिशयनी एकादशीके दिन मेरा एक स्वरूप राजा बलिके यहाँ रहता है और दूसरा क्षीरसागरमें शेषनागकी शय्यापर तबतक शयन करता है, जबतक आगामी कार्तिककी एकादशी नहीं आ जाती; अतः आषाढ़शुक्ला एकादशीसे लेकर कार्तिकशुक्ला एकादशीतक मनुष्यको भलीभाँति धर्मका आचरण करना चाहिये । जो मनुष्य इस व्रतका अनुष्ठान करता है, वह परम गतिको प्राप्त होता है, इस कारण यत्नपूर्वक इस एकादशीका व्रत करना चाहिये । एकादशीकी रातमें जागरण करके शंख, चक्र और गदा धारण करनेवाले भगवान् विष्णुकी भक्तिपूर्वक पूजा करनी चाहिये । ऐसा करनेवाले पुरुषके पुण्यकी गणना करनेमें चतुर्मुख ब्रह्माजी भी असमर्थ हैं। राजन्! जो इस प्रकार भोग और मोक्ष प्रदान करनेवाले सर्वपापहारी एकादशीके उत्तम व्रतका पालन करता है, वह जातिका चाण्डाल होनेपर भी संसारमें सदा मेरा प्रिय करनेवाला है। जो मनुष्य दीपदान, पलाशके पत्तेपर भोजन और व्रत करते हुए चौमासा व्यतीत करते हैं, वे मेरे प्रिय हैं। चौमासेमें भगवान् विष्णु सोये रहते हैं; इसलिये मनुष्यको भूमिपर शयन करना चाहिये। सावनमें साग, भादोंमें दही, क्वारमें दूध और कार्तिकमें दालका त्याग कर देना चाहिये। * अथवा जो चौमासेमें ब्रह्मचर्य का पालन करता है, वह परम गतिको प्राप्त होता है। राजन्! एकादशीके व्रतसे ही मनुष्य सब पापोंसे मुक्त हो जाता है; अतः सदा इसका व्रत करना चाहिये। कभी भूलना नहीं चाहिये ।

'शयनी' और 'बोधिनी' के बीचमें जो कृष्णपक्षकी एकादशियाँ होती हैं, गृहस्थके लिये वे ही व्रत रखनेयोग्य हैं- अन्य मासोंकी कृष्णपक्षीय एकादशी गृहस्थके रखनेयोग्य नहीं होती। शुक्लपक्षकी एकादशी सभी करनी चाहिये।

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एकादशी माहात्म्य कथाएँ
Index


  1. [कथा 1]मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष की 'उत्पन्ना' एकादशी का माहात्म [एकादशी के जया आदि भेद, नक्तव्रतका स्वरूप]
  2. [कथा 2]मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की 'मोक्षा' एकादशी का माहात्म
  3. [कथा 3]पौषमास कृष्ण पक्ष की ‘सफला ' एकादशी का माहात्म्य
  4. [कथा 4]पौषमास शुक्ल पक्ष की 'पुत्रदा' एकादशी का माहात्म्य
  5. [कथा 5]माघमास कृष्ण पक्ष की ‘षट्तिला' एकादशी का माहात्म्य
  6. [कथा 6]माघमास शुक्ल पक्ष की 'जया' एकादशी का माहात्म्य
  7. [कथा 7]फाल्गुनमास कृष्ण पक्ष की 'विजया' एकादशी का माहात्म्
  8. [कथा 8]फाल्गुनमास शुक्ल पक्ष की 'आमलकी' एकादशी का माहात्म
  9. [कथा 9]चैत्रमास कृष्ण पक्ष की 'पापमोचनी' एकादशी का माहात्म
  10. [कथा 10]चैत्रमास शुक्ल पक्ष की 'कामदा' एकादशी का माहात्म्य
  11. [कथा 11]वैशाखमास कृष्ण पक्ष की 'वरूथिनी' एकादशी का माहात्म
  12. [कथा 12]वैशाखमास शुक्ल पक्ष की 'मोहिनी' एकादशी का माहात्म
  13. [कथा 13]ज्येष्ठमास कृष्ण पक्ष की 'अपरा एकादशी का माहात्म्य
  14. [कथा 14]ज्येष्ठमास शुक्ल पक्ष की 'निर्जला' एकादशी का माहातम
  15. [कथा 15]आषाढ़मास कृष्ण पक्ष की 'योगिनी' एकादशी का माहात्म्
  16. [कथा 16]आषाढ़मास शुक्ल पक्ष की 'शयनी ' एकादशी का माहात्म्य
  17. [कथा 17]श्रावणमास कृष्ण पक्ष की 'कामिका' एकादशी का माहात्म
  18. [कथा 18]श्रावणमास शुक्ल पक्ष की 'पुत्रदा' एकादशी का माहात्
  19. [कथा 19]भाद्रपदमास कृष्ण पक्ष की 'अजा' एकादशी का माहात्म्य
  20. [कथा 20]भाद्रपदमास शुक्ल पक्ष की 'पद्मा' एकादशी का माहात्म
  21. [कथा 21]आश्विनमास कृष्ण पक्ष की 'इन्दिरा' एकादशी का माहात्
  22. [कथा 22]आश्विनमास शुक्ल पक्ष की 'पापांकुशा एकादशी का माहात
  23. [कथा 23]कार्तिकमास कृष्ण पक्ष की 'रमा' एकादशी का माहात्म्य
  24. [कथा 24]कार्तिकमास शुक्ल पक्ष की 'प्रबोधिनी' एकादशी का माह
  25. [कथा 25]पुरुषोत्तममास प्रथम पक्ष की 'कमला' एकादशी का माहात
  26. [कथा 26]पुरुषोत्तममास द्वितीय पक्ष की 'कामदा' एकादशी का महातम्य