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एकादशी माहात्म्य कथाएँ (एकादशी व्रत कथा)

Ekadashi Vrat Katha (Ekadasi Katha)

कथा 17 - Katha 17

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श्रावणमास कृष्ण पक्ष की 'कामिका' एकादशी का माहात्म

श्रावणमास कृष्णपक्षकी 'कामिका' एकादशीका माहात्म्य
युधिष्ठिरने पूछा- गोविन्द ! वासुदेव! आपको नमस्कार है! श्रावणके कृष्णपक्षमें कौन-सी एकादशी होती है ? उसका वर्णन कीजिये ।

भगवान् श्रीकृष्ण बोले- राजन् ! सुनो, मैं तुम्हें एक पापनाशक उपाख्यान सुनाता हूँ, जिसे पूर्वकालमें ब्रह्माजीने नारदजीके पूछनेपर कहा था ।

नारदजीने प्रश्न किया-भगवन्! कमलासन! मैं आपसे यह सुनना चाहता हूँ कि श्रावणके कृष्णपक्षमें जो एकादशी होती है, उसका क्या नाम है, उसके कौन-से देवता हैं तथा उससे कौन सा पुण्य होता है ? प्रभो! यह सब बताइये ।

ब्रह्माजीने कहा- नारद! सुनो-मैं सम्पूर्ण लोकोंके हितकी इच्छासे तुम्हारे प्रश्नका उत्तर दे रहा हूँ। श्रावणमासमें जो कृष्णपक्षकी एकादशी होती है, उसका नाम 'कामिका' है; उसके स्मरणमात्रसे वाजपेय यज्ञका फल मिलता है। उस दिन श्रीधर, हरि, विष्णु, माधव और मधुसूदन आदि नामोंसे भगवान्का पूजन करना चाहिये। भगवान् श्रीकृष्णके पूजनसे जो फल मिलता है, वह गंगा, काशी, नैमिषारण्य तथा पुष्करक्षेत्रमें भी सुलभ नहीं है। सिंहराशिके बृहस्पति होनेपर तथा व्यतीपात और दण्डयोगमें गोदावरीस्नानसे जिस फलकी प्राप्ति होती है, वही फल भगवान् श्रीकृष्णके पूजनसे भी मिलता है। जो समुद्र और वनसहित समूची पृथ्वीका दान करता है तथा जो कामिका एकादशीका व्रत करता है, वे दोनों समान फलके भागी माने गये हैं। जो ब्यायी हुई गायको अन्यान्य सामग्रियोंसहित दान करता है, उस मनुष्यको जिस फलकी प्राप्ति होती है, वही 'कामिका' का व्रत करनेवालेको मिलता है। जो नरश्रेष्ठ श्रावणमासमें भगवान् श्रीधरका पूजन करता है, उसके द्वारा गन्धर्वों और नागों सहित सम्पूर्ण देवताओंकी पूजा हो जाती है; अतः पापभीरु मनुष्योंको यथाशक्ति पूरा प्रयत्न करके 'कामिका' के दिन श्रीहरिका पूजन करना चाहिये। जो पापरूपी पंकसे भरे हुए संसारसमुद्रमें डूब रहे हैं, उनका उद्धार करनेके लिये कामिकाका व्रत सबसे उत्तम है। अध्यात्मविद्यापरायण पुरुषोंको जिस फलकी प्राप्ति होती है; उससे बहुत अधिक फल 'कामिका' व्रतका सेवन करनेवालोंको मिलता है। 'कामिका' का व्रत करनेवाला मनुष्य रात्रिमें जागरण करके न तो कभी भयंकर यमराजका दर्शन करता है और न कभी दुर्गतिमें ही पड़ता है।

लाल मणि, मोती, वैदूर्य और मूँगे आदिसे पूजित होकर भी भगवान् विष्णु वैसे सन्तुष्ट नहीं होते, जैसे तुलसीदलसे पूजित होनेपर होते हैं। जिसने तुलसीकी मंजरियोंसे श्रीकेशवका पूजन कर लिया है; उसके जन्मभरका पाप निश्चय ही नष्ट हो जाता है। जो दर्शन करनेपर सारे पापसमुदायका नाश कर देती है, स्पर्श करनेपर शरीरको पवित्र बनाती है, प्रणाम करनेपर रोगोंका निवारण करती है, जलसे सींचनेपर यमराजको भी भय पहुँचाती है, आरोपित करनेपर भगवान् श्रीकृष्णके समीप ले जाती है और भगवान्‌के चरणों में चढ़ानेपर मोक्षरूपी फल प्रदान करती है, उस तुलसी देवीको नमस्कार है। * जो मनुष्य एकादशीको दिन-रात दीपदान करता है, उसके पुण्यकी संख्या चित्रगुप्त भी नहीं जानते। एकादशीके दिन भगवान् श्रीकृष्णके सम्मुख जिसका दीपक जलता है, उसके पितर स्वर्गलोकमें स्थित होकर अमृतपानसे तृप्त होते हैं। घी अथवा तिलके तेलसे भगवान्‌के सामने दीपक जलाकर मनुष्य देह त्यागके पश्चात् करोड़ों दीपकोंसे पूजित हो स्वर्गलोकमें जाता है।
भगवान् श्रीकृष्ण कहते हैं- युधिष्ठिर! यह तुम्हारे सामने मैंने कामिका एकादशीकी महिमाका वर्णन किया है। 'कामिका' सब पातकोंको हरनेवाली है; अतः मानवोंको इसका व्रत अवश्य करना चाहिये। यह स्वर्गलोक तथा महान् पुण्यफल प्रदान करनेवाली है। जो मनुष्य श्रद्धाके साथ इसका माहात्म्य श्रवण करता है, वह सब पापोंसे मुक्त हो श्रीविष्णुलोकमें जाता है।

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एकादशी माहात्म्य कथाएँ
Index


  1. [कथा 1]मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष की 'उत्पन्ना' एकादशी का माहात्म [एकादशी के जया आदि भेद, नक्तव्रतका स्वरूप]
  2. [कथा 2]मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की 'मोक्षा' एकादशी का माहात्म
  3. [कथा 3]पौषमास कृष्ण पक्ष की ‘सफला ' एकादशी का माहात्म्य
  4. [कथा 4]पौषमास शुक्ल पक्ष की 'पुत्रदा' एकादशी का माहात्म्य
  5. [कथा 5]माघमास कृष्ण पक्ष की ‘षट्तिला' एकादशी का माहात्म्य
  6. [कथा 6]माघमास शुक्ल पक्ष की 'जया' एकादशी का माहात्म्य
  7. [कथा 7]फाल्गुनमास कृष्ण पक्ष की 'विजया' एकादशी का माहात्म्
  8. [कथा 8]फाल्गुनमास शुक्ल पक्ष की 'आमलकी' एकादशी का माहात्म
  9. [कथा 9]चैत्रमास कृष्ण पक्ष की 'पापमोचनी' एकादशी का माहात्म
  10. [कथा 10]चैत्रमास शुक्ल पक्ष की 'कामदा' एकादशी का माहात्म्य
  11. [कथा 11]वैशाखमास कृष्ण पक्ष की 'वरूथिनी' एकादशी का माहात्म
  12. [कथा 12]वैशाखमास शुक्ल पक्ष की 'मोहिनी' एकादशी का माहात्म
  13. [कथा 13]ज्येष्ठमास कृष्ण पक्ष की 'अपरा एकादशी का माहात्म्य
  14. [कथा 14]ज्येष्ठमास शुक्ल पक्ष की 'निर्जला' एकादशी का माहातम
  15. [कथा 15]आषाढ़मास कृष्ण पक्ष की 'योगिनी' एकादशी का माहात्म्
  16. [कथा 16]आषाढ़मास शुक्ल पक्ष की 'शयनी ' एकादशी का माहात्म्य
  17. [कथा 17]श्रावणमास कृष्ण पक्ष की 'कामिका' एकादशी का माहात्म
  18. [कथा 18]श्रावणमास शुक्ल पक्ष की 'पुत्रदा' एकादशी का माहात्
  19. [कथा 19]भाद्रपदमास कृष्ण पक्ष की 'अजा' एकादशी का माहात्म्य
  20. [कथा 20]भाद्रपदमास शुक्ल पक्ष की 'पद्मा' एकादशी का माहात्म
  21. [कथा 21]आश्विनमास कृष्ण पक्ष की 'इन्दिरा' एकादशी का माहात्
  22. [कथा 22]आश्विनमास शुक्ल पक्ष की 'पापांकुशा एकादशी का माहात
  23. [कथा 23]कार्तिकमास कृष्ण पक्ष की 'रमा' एकादशी का माहात्म्य
  24. [कथा 24]कार्तिकमास शुक्ल पक्ष की 'प्रबोधिनी' एकादशी का माह
  25. [कथा 25]पुरुषोत्तममास प्रथम पक्ष की 'कमला' एकादशी का माहात
  26. [कथा 26]पुरुषोत्तममास द्वितीय पक्ष की 'कामदा' एकादशी का महातम्य