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तूं बन्देया की जाने माता के चमत्कारां
तुने अजब रचा भगवान खिलौना माटी का ।
रामा ओ रामा रे, रामा ओ रामा रे ।
दिल खोले, मिल के बोलो, सारे बोलो, सीता
सावरिया मन भाया रे,
सावरिया मन भाया रे ।
ॐ नमः शिवा, ॐ नमः शिवा, ॐ नमः शिवा, ॐ नमः
काला बदन दिल गोरा, कन्हिया तुने क्या
हे मेरो मनमोहना आयो नहीं सखी री ।
तेरी बिगड़ी बना देगी चरण रज राधा
,
ਤੇਰੀ ਗੁਫਾ ਦੇ ਨਜ਼ਾਰੇ ਜੋਗੀਆ, ਮੇਰਾ ਮੰਨ
तेरे पूजन को भगवान, बना मन मंदिर
श्याम पिया मोरी रंग दे चुनरिया ।
प्रगटे हैं चारों भैया में, अवध में
हम चाकर राधा रानी के, हम चाकर ।
राधे रानी दे डालो ना, बांसुरी मेरी रे ।
जिनके हृदय श्री राम बसे, तिन और का नाम
करम की गति न्यारी न्यारी, संतो।
सोभित कर नवनीत लिए।
कभी राम बन के, कभी श्याम बन के, चले आना
महावीर हनुमान गोसाई, हम है तुमरे
मुझे तुमने दाता बहुत कुछ दिया है, तेरा
जिस भजन में राम का नाम ना हो, उस भजन को
कमली हो के दरबार मैं रोज़ नाचूं, साईं
तुम्बा जिंदड़ी दा, भक्ति दी तार पाके,
भव सागर से पार है जाना, बंदे रब का दर्शन
ॐ साईं नाथ जप ले, ॐ साईं नाथ जप ले
शिर्डी के साईं बाबा बिगड़ी मेरी बनाना
तेरे दर पे आ गया है, तेरा यह इक दीवाना
ਦੋਹਾ: ਹੱਡ ਮਾਸ ਦੇ ਪਿੰਜਰ ਚੋ, ਰੂਹ ਨਿਕਲ ਜਾਣੀ
ਨਾ ਕੋਈ ਸੰਗੀ ਨਾ ਕੋਈ ਸਾਥੀ, ਫੇਰ ਖਤਮ ਕਹਾਣੀ ਏ
मेरे मनमोहना आओ, मेरे मन मे समां जाओ
कंकर कंकर से मैं पूछूं, शंकर मेरा कहाँ
भजन बिना बावरे, तूने हीरा जन्म गवाया
माझे माहेर पंढरी, आहे भिवरेच्या तीरी
मोहे लागी लगन गुरु चरणन की
जो भजे हरि को सदा, सोही परम पद पावेगा
हे दुःख भन्जन, मारुती नंदन, सुन लो मेरी
पवनसुत विनती बारम्बार
कुछ लेना ना देना मगन रहना
नाम जपन क्यों छोड़ दिया
भज मन राम चरण सुखदाई
पायो जी मैंने राम रतन धन पायो
मैया मोरी मैं नहिं माखन खायो
संत परम हितकारी, जगत माहि संत परम
अखियाँ हरी दर्शन की प्यासी
ठुमक चलत रामचंद्र, बाजत पैंजनियां
जनम तेरा बातों ही बीत गयो, रे तुने कबहू
मेरा अवगुण भरा रे शरीर,
हरी जी कैसे तारोगे, प्रभु जी कैसे
रसिया को नार बनावो री रसिया को
रसिया को नार बनावो री रसिया को
कारे से लाल बनाए गयी रे,
गोरी बरसाने वारी
बृजवासिन की गारी सुन खुश होते भगवान
फिर भी ब्रिज तज मूल ना जावें, चाहे लाख
अरे बदलो ले लूँगी दारी के,
होरी का तोहे बड़ा चाव...
मेरी बाँह पकड़ लो इक बार,सांवरिया
मैं तो जाऊँ तुझ पर कुर्बान, सांवरिया
शिव समा रहे मुझमें
और मैं शून्य हो रहा हूँ
गोवर्धन वासी सांवरे, गोवर्धन वासी
तुम बिन रह्यो न जाय, गोवर्धन वासी
मेरे बांके बिहारी बड़े प्यारे लगते
कही नज़र न लगे इनको हमारी
जा जा वे ऊधो तुरेया जा
दुखियाँ नू सता के की लैणा
मैं मिलन की प्यासी धारा
तुम रस के सागर रसिया हो
तेरा गम रहे सलामत मेरे दिल को क्या कमी
यही मेरी ज़िंदगी है, यही मेरी बंदगी है
बोल पिंजरे का तोता राम
हरे राम राधे श्याम सिया राम
अगर तुम में चोरी की आदत न होती,
तो ब्रज में यूं मोहन बगावत न होती
दिल तुमको दिया, दिल्लगी कर गए
हंस के तुम चल दिए और हम मर गए
सारे जग दीयां खुशियां इक पासे
मेरा श्याम प्यारा इक पासे
जाने क्या देखा मुझमें अपना बना लिया
दर पे बुलाया मुझको जीना सिखा दिया
मैं कैसे तुम्हें भुलाऊँ मेरी ज़िंदगी
मेरी आरज़ू भी तू है, मेरी जुस्तजू भी तू
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