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छोड़ो लंगर मोरी बैंया गहों ना
होली खेलने आयो श्याम आज जाए रंग में
तेरा नाम लिया मन से तू दोडा आया है
मन बाला जी बाला जी मेरा बोले
काल रात ने सुपनो आयो बाबो हे ले मारे
आंबे रानी से दो बाते मुझको करने दो
अयोध्या के राजा तुम सारे जगत के विधाता
भगतो का चीर के कलेजा देख ले
बांके बिहारी को दिल में बसाना है
मेरे घुंघरू बोले हरे हरे
छत्र देखती ना माँ चुनरिया देखती
बाबाजी बड़े पोस्ट की दिलवा दो मुझे
तेरे नाम की मुरली
तेरी आँखों के काजल ने
मृगला खेत गया सब खाई
जाने कौन सा दिया रे निशानी
मुझको नौकर बना ले मेरे सांवरे
मेरा खाटू वाला श्याम धणी
श्याम बाबा हारा हूँ में
मेरी जीवन रुपी बगिया का तू मालिक है
है जग में महिमा भारी लखदातारी की
दानी तुम हो याचक हम हैं
होरी आई रे
किथे बैह गया समाधियां लाके
दयालु विशव नाथ दीन हीन पर दया करो
देदे वीरा दर पलड़ा पसार लेया माँ
लेके पोहंचे खबर जब हनुमान जी
हर साल कराइए जगराता
हे माँ जगदम्बे भवानी विनती करू मैं
असी उठ दे बेह्न्दे हर वेले तेरा ना ही
होली खेले रे कन्हैया
नही राधा खोट हमारे में
कान्हा ओ कान्हा मैं तेरी हो गई,
धानी चुनरिया खो गइ रे
मोहे अपना पता बताई दे
प्रभु बड़ा दयालु
भक्त खड़े तेरे द्वार
जब खेलने होली लेकर टोली बरसाने में आयो
तूने दीवाना बनाया
सुनो भवानी अरज हमारी
मैं हूँ बृजबाला तू है ग्वाला रे
कलियुग के भगवान तुम्ही हो
तेरे भवनों जैसा कोई भी द्वारा नही देखा
देखो बाला जी संकट है काटे
लाल लंगोटे वाला माँ अंजनी का लाला
देखो मैंने देखा है एक सपना
लाल जवा के फुला सु आज बनायो हार
मोरछड़ी लेहराए रे
चार दिनों का ताप ये कैसा फिर विपदा है
श्याम नाम की महिमा फिर से दिखा दो
श्याम की दीवानी मीरा रानी हुई
नाम तुम्हारा बाला जी है बाला जी मंगल
ओम जय पारस देवा
गुरु में संसार समाया उनका है आशीष पाया
मोहे भूल गए सांवरिया
मदद करो हे श्याम हमारी
जीमो जीमो सालासर हनुमान भगत ल्यायो
बरसा पारस सुख बरसा
रास रचाओ नन्द लाल छमा छम नाचू गी
नाकोड़ा रा नाथ भेरूजी रुणझुण करता आओ
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