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म्हारी आस पुरावै जी
नजर तो करो हम पे दया की मुरारी
राधे तेरे नाम का सहारा ना मिलता
आओ सुनाएँ तुमको श्याम कहानी
कैसे मैं तो भूलूँ बाबा तेरी
क्या की है नाराज़ी कुछ बोलो तो सही
मनमोहनी है छवि ये तुम्हारी
हारे के तुम ही सहारे हो
जब याद कान्हा तेरी आई
श्याम तेरा प्रेमी जग से हारा है
जब जब खाटू आएंगे दिल का हाल सुनाएंगे
साँसों की ज़रूरत हो जैसे ज़िन्दगी के
ओ भोले जी न करना तुम इनकार
खाटू वाले श्याम अपने दर पर बुला ले
मेरे सतगुरु दीनदयाल
मेरे सिर पे हाथ फिराया
है वो दरबार मेहँदीपुर
बहुत दिन हो गए बाबा को देखे
आके मारो गेडा ते म्हारे गाव बाला जी
थारी काया रो गुलाबी रंग
नवरातो के दिनों में आनंद छाया है
थाम कर हाथ ये अब छुड़ाना नहीं
तेरे नाम के तराने मैया गाये जाए गे
बचपन की यादो में खोया
होली खेलन राधे संग संवारो आयो है
होली खेले वनवारी
मेरे साँवरिया तू ही जीने का सहारा है
मेरे भोले बाबा देखो भंगिया के दीवाने
बल बुद्धि के दाता मेरे
नंद जू के अंगना में बज रही आज बधाई
खाटू श्याम मेरी नैया अब पार लगा देना
मिलने यमुना के तट कान्हा साथ बज आइयो
माता का जगराता भैया
तेरा दीवाना बना दिया
चले आएँगे मुरारी बोल राधे
कुण तो लाया तुम्बडा
तेरे हवाले मेरी गाड़ी तू जाने तेरा काम
श्री गणपति अथर्वशीर्षम्
भजन में रंग बरसे, रंग बरसे
करो तो आछी करो और बुरी विचारो नाय
होई जाओ संत सुधारो थारी काया जी
राणी राजा भरतरी से अरज करे
महांकाल को मनायेगे
नीवा होके चल वे रब नीविया नु मिलदा
इतरो अभिमान बंदा केरो करे
बालाजी के दर से हम खाली नहीं जाएंगे
कान्हा और मेरा कोई नही
तुम्ही श्याम सुंदर नही दूसरा है
बड़ी मन्नतो से था पाया तुझे
मेरे कान्हा लिए है अवतार बधाई बाजन दे
उमराव थारी सूरत प्यारी लागै
डंका बाजे श्याम का
है कथा संग्राम की
जिन्हें देखने को जिए जा रहे हैं
मेरे नैन चाहते हैं दीदार साँवरे का
सतगुरु बिन सोधी नहीं
जाती ना पूछो संत की पूछ लीजिये ज्ञान
कभी फ़ुर्सत हो धनवानों से
मन्ने घणा दिन के बाद किया है याद
दुनिया से मैं हार के आया लाज तुही बचा
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