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दिले में ना जाने सतगुरु क्या रंग भर
छोड़ेंगे अब ना दर तेरा इकरार कर लिया
चलावे तीर नज़र दे, जिगर तो पार हो जावे,
सलोनी सांवरी सूरत, मोहन नाल प्यार हो
मेरी राधा रानी की, मेरी श्यामा प्यारी
कृपा का क्या कहना, कृपा का क्या कहना
हम पागल हैं पागल वृन्दावन धाम के
वृन्दावन धाम के, श्री श्यामा शाम के
ਕਿਥੋਂ ਨੀ ਰੰਗਾਈਆਂ ਅੱਖਾਂ, ਪੁਛਦੀਆਂ
ਜਦੋ ਤੇਰੇ ਨਾਮ ਦੀਆਂ ਚੜਿਆ ਖੁਮਾਰੀਆਂ
श्री राधा, श्री राधा, श्री राधा, राधा
श्री राधा, श्री राधा, श्री राधा, राधा
चरणो से लिपट जाऊं धूल बन के,
तेरे बंगले में लग जाऊं फूल बन के ।
परदे में बैठे बैठे यूँ ना मुस्कुराइए,
आ गए तेरे दीवाने ज़रा पर्दा हटाइए ।
देखो नी सईयो मेरे नू योगी नजरां ला गया
नागां वाला आ गया ,बम बम भोला आ गया ॥
खाटू वाले की जय, श्याम प्यारे की जय
बोलो शीष के दानी की जय जय जय
सांवरिया मुझको देना बस इतना वरदान
अंत समय मेरी जुबां से निकले तेरा नाम
थारो देख लियो दरबार
इब के मांगन की दरकार
साईं शरण में आओगे तो समझोगे यह बात,
रात के पीछे दिन आवे है, दिन के पीछे रात
दोहा: अपने हरि को हम दूंढ लीओ, जिन लाल
हरि के अंग अंग मे नरमी है जितनी, नरमी
राम कहने से तर जाएगा,
वरना घुट घुट के मर जाएगा ।
जीण जीण भज बारम्बारा,हर संकट का हो
नाम जापे माँ खुश हो जावे,संकट हर लेती
चल तू भी सर झुका ले श्री राम के दर पे चल
रख देंगे वो दयालु किस्मत तेरी बदल के ।
जिंदगी तो प्यार में डूबा अनुपम गीत है
प्रेम की धुन पर सजाया इक मधुर संगीत है
मिलना सब से बन्दे प्रेम और प्यार से,
एक दिन जाना होगा झूठे संसार से ।
जप ले हरी का तू नाम, नाम भोले प्राणी
आएगा बस यही काम, काम भोले प्राणी
राम कहने से तर जाएगा,
पार भव से उत्तर जायेगा ।
दरबार तेरा
क्यों की तू
दोहा :- न पल मे यु महान न होते
गदा हाथ लिये बलवान न होते
हरि जी मेरी लागी लगन मत तोडना
लागी लगन मत तोडना, प्यारे लागी लगन मत
मेरे मन की वंदना...माँ तू ही,
मेरे दिल की अर्चना...माँ तू ही,
ॐ श्री नानु सत्ये नमः
दादी दिव्ये नमो नमः
बग्गड़ नगरी प्यारी,जहां दादी का दरबार,
दर्शन करले प्राणी,जीवन मिले ना
आसरो बालाजी म्हणे थारो, थे कस्ट निवारो
पधारो माहरे आगणिए पधारो,
मैं क्या जानू मेरे रघुराई, तू जाने
सहारा तेरा रे, ओ साईं
इक सांस आये रे,इक सांस जाए रे
जियरा भी पास में फसता जाए रे ।
गुर चरने चित ला बन्दया,बीती जाए
ओ बन्दया,बीती जाए जिंदगानी ओ...
सांवली सूरत पे मोहन, दिल दीवाना हो गया
दिल दीवाना हो गया, दिल दीवाना हो गया ॥
सुन शेरा वालीए माँ तेरी याद सतांदी ए ।
तैनू अपने बच्चियाँ दी क्यों याद ना
दोहा: सद्गुरु जिन का नाम है, मन के भीतर
ऐसे दीनदयाल को मेरा बार बार
फतेहपुर में धोली सती माँ का सच्चा
दादी का परिवार है,ये दादी का परिवार है
सबसे बड़ी सरकार तेरी,सबसे बड़ी सरकार
तेरा फतेहपुर में दरबार,तेरी हो रही जय
बाबा अमरनाथ बर्फानी, योगिराज दया के
भूखे को है भोजन देते और प्यासे को पानी
मुझे ऐसा बना दो मेरे प्रभु
मुझे ऐसा बना दो मेरे गुरु, जीवन में लगे
माई म्हारो सुपनामा,
परनेया रे दीनानाथ
जब से देखा तुम्हे, जाने क्या हो गया,
ए खाटू वाले श्याम मैं तेरा हो गया ।
रसिया लागे साँवरिया देखो फागण में
रसिया लागे रे...रसिया लागे रे...
हाजरियां... हाजरियां परवान करो माँ
भकत वत्सला मात, मात आई जागे वाली रात ।
दोहा : कौन होता है कब किसी का, दम निकल
खाक रह जाती है बाकि जिस्म जल जाने
हे अंजनी पुत्र हे मारुती इतनी बिनती
इस मन मंदिर में बस जाओ मुझ निर्बल का
ਆਜਾ ਭਗਤਾ ਓ ਗੱਡੀ ਮਈਆ ਜੀ ਦੇ ਚੱਲੀ ਆ
ਭਗਤ ਪਿਆਰਿਆਂ ਨੂੰ ਦਾਤੀ ਚਿੱਠੀ ਘੱਲੀ ਆ
आरती कीजे हनुमान लला की
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की
मेरी सुरति सुहागन जाग री,
जाग री...हो जाग री....
हाँथ जोड़ के विनती करीं,अर्जी सुनी
गुरु जी जीवन-जहजवा भव से दिहिं उतार
भोला भाला मुखड़ा चाँद सा सोणा है
देख के महके दिल का कोना कोना है
अरे दिल ग़ाफ़िल गफलत मत कर,
इक दिन जम तेरे आवेगा
श्याम तेरी बन्सी पुकारे राधा नाम
लोग करे मीरा को यूँ ही बदनाम
R:
ए लाख लाख वंदन तमने, कोटि कोटि वंदन
यहाँ देवता महान कहते हैं,
वहाँ राधे का गुलाम कहते हैं
पीले पीले यह रास मीठा है राम का,
जो रस पीने से जुबा पे नाम हो घनश्याम
सांवरा जब मेरे साथ है,
हमको डरने की क्या बात है ।
दोहा : श्रीराधे वृषभानुजा, भक्तन
वृन्दा विपिन विहारिन्नी , प्रन्नावो
आयो सखियो मेरा बनवारी
आयो सखियो मेरा बनवारी
हमारे गुरु मिले ब्रम्हज्ञानी,
पाई अमर निशानी ।
गुरां दी प्रीत सारे जग नालों मीठी है
उन्हा नू की पता जिन्हा ला के न डीठि है ।
मेरा मुल्क मेरा देश मेरा ये वतन
शांति का उन्नति का प्यार का चमन
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