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लागी तुम संग यारी,
मेरे बांके बिहारी,
सरस्वती चालीसा
लाखों महफिल जहाँ में यूँ तो,
तेरी महफिल सी महफिल नहीं है ॥
बाबा करले तू इत्थे भी नजर,
भगत कोई रोता होवेगा,
कई जन्मों से बुला रही हूँ,
कोई तो रिश्ता जरूर होगा,
रघुपति राघव राजाराम ।
पतितपावन सीताराम ॥
दानी बड़ा ये भोलेनाथ,
पूरी करे मन की मुराद,
बन्दे तेरा रे नही रे ठिकाना,
एक ना एक रोज,
आई बागों में बहार,
झूला झूले राधा प्यारी ।
तुम शरणाई आया ठाकुर
तुम शरणाई आया ठाकुर ॥
श्री झूलेलाल आरती- ॐ जय दूलह देवा
सज रही मेरी अम्बे मैया, सुनहरी गोटे
सुनहरी गोटे में, सुनहरी गोटे में,
मानो तो मैं गंगा माँ हूँ,
ना मानो तो बहता पानी,
श्री कुबेर जी आरती - जय कुबेर स्वामी
दिखाऊं कोनी लाड़लो,
नजर लग जाए,
मैं तो आई वृन्दावन धाम,
किशोरी तेरे चरनन में ।
धन धन भोलेनाथ बॉंट दिये,
तीन लोक इक पल भर में ।
कुछ नहीं बिगड़ेगा तेरा,
हरी शरण आने के बाद ।
सारे तीर्थ धाम आपके चरणो में ।
हे गुरुदेव प्रणाम आपके चरणो में ।
प्रभुजी मोरे/मेरे अवगुण चित ना धरो,
समदर्शी प्रभु नाम तिहारो,
॥ दोहा ॥
निश्चय प्रेम प्रतीति ते,
अपने लाला की सुन लो शिकायत,
जो बताने के काबिल नहीं है,
मन तड़पत हरि दर्शन को आज
मोरे तुम बिन बिगड़े सकल काज
दूर नगरी, बड़ी दूर नगरी
कैसे आऊं मैं कन्हैया,
प्रभु राम का सुमिरन कर,
हर दुःख मिट जाएगा,
हरि कर दीपक,
बजावें संख सुरपति,
मुरली वाले ने घेर लयी
अकेली पनिया गयी ॥
श्यामा तेरे चरणों की,
राधे तेरे चरणों की,
बोल सुवा राम राम,
मीठी मीठी वाणी रे ॥
श्री गणेशपञ्चरत्नम् -
बैल दी सवारी कर आया हो
मेरा भोला भंडारी,
श्री जगन्नाथ संध्या आरती
नटवर नागर नंदा,
भजो रे मन गोविंदा,
फाग खेलन बरसाने आये हैं,
नटवर नंद किशोर ।
नाकोड़ा के भैरव तुमको आना होगा,
डम डम डमरू बजाना होगा ।
भटकूं क्यों मैं भला,
संग मेरे है सांवरा,
हरि तुम हरो जन की भीर।
द्रोपदी की लाज राखी, तुम बढ़ायो चीर॥
तुम बिन मोरी कौन खबर ले,
गोवर्धन गिरधारी,
बृहस्पति स्तोत्र
भोजन मन्त्र: ॐ सह नाववतु
दिखाऊं कोनी लाड़लो,
नजर लग जाए,
सारी दुनिया में आनंद छायो,
कान्हा को जन्मदिन आयो ॥
अपने प्रेमी को मेरे बाबा,
इतना भी मजबूर ना कर,
॥ दोहा ॥
सिंह चढी देवी मिले,
रोये जो श्याम का प्रेमी,
उसे श्याम ही धीर बँधाए,
आशुतोष शशाँक शेखर,
चन्द्र मौली चिदंबरा,
अमृत की बरसे बदरीया,
बाबा की दुअरिया,
माँ शारदे, माँ शारदे,
माँ शारदे, माँ शारदे,
दिन जिंदगी के चार,
चाहे कम देना,
बंसी बजा के मेरी निंदिया चुराई,
लाडला कन्हैया मेरा कृष्ण कन्हाई,
मत कर तू अभिमान रे बंदे,
जूठी तेरी शान रे ।
दुनिया से मैं हारा तो आया तेरे द्वार,
यहाँ पे भी जो हारा,
श्री राम से कह देना,
एक बात अकेले में,
मेरे लखन दुलारे बोल कछु बोल,
मत भैया को रुला रे बोल कछु बोल,
सुनो सुनो, सुनो सुनो
सुनो सुनो एक कहानी सुनो,
मेरी आखिओं के सामने ही रहना,
माँ शेरों वाली जगदम्बे ।
अगर श्याम सुन्दर का सहारा ना होता,
तो दुनियाँ में कोई हमारा ना होता ।
आयी बरसाने वाली है आयी,
रास रचते है कृष्ण कन्हाई ॥
सुबह सुबह हे भोले करते हैं तेरी पूजा,
तेरे सिवा हुआ है ना होगा कोई दूजा ।
कीर्तन रचो है म्हारे आंगने,
आओ-आओ गौरा जी रा लाल,
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