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हे शिव शंकर भोले बाबा,
मैं तेरे गुण गाऊं,
भरोसा कर तू ईश्वर पर,
तुझे धोखा नहीं होगा ।
जय श्री वल्लभ, जय श्री विट्ठल,
जय यमुना श्रीनाथ जी ।
हरी दर्शन की प्यासी अखियाँ
अखियाँ हरी दर्शन की प्यासी ॥
कमल नेत्र स्तोत्रम्
श्री नाथ जी की संध्या आरती
अरज लगावे जी,
सांवरिया थासु अरज लगावे जी,
श्री शाकुम्भरी देवी जी की आरती
श्लोक:
शिव समान दाता नहीं,
सुख-वरण प्रभु, नारायण हे!
दु:ख-हरण प्रभु, नारायण हे!
हो गए भव से पार लेकर नाम तेरा ॥
श्री कुबेर चालीसा
हे वीणा वादिनी सरस्वती
हंस वाहिनी सरस्वती
नमस्कार भगवन तुम्हें,
भक्तों का बारम्बार हो,
तेरी प्रीत में मोहन,
मन बावरा है,
शिव स्तुति: ॐ वन्दे देव उमापतिं
गणनायकाय गणदेवताय गणाध्यक्षाय
सब कुछ मिला रे भोले,
रहमत से तेरी
ईश्वर को जान बन्दे,
मालिक तेरा वही है,
रामा केहि विधि,
आऊं मैं पास तिहारे,
लेके पूजा की थाली
ज्योत मन की जगा ली
अष्टोत्तर भैरव नामावलि
बनवारी रे,
जीने का सहारा तेरा नाम रे,
नाचे नन्दलाल,
नचावे हरि की मईआ ॥
प्रभु रामचंद्र के दूता,
हनुमंता आंजनेया ।
प्रभु जी तुम चंदन हम पानी,
जाकी अंग-अंग बास समानी,
हो हो बालाजी मेरा संकट काटो ने,
हो इधर उधर न डोल रहया,
गौरा ढूंढ रही पर्वत पर,
शिव को पति बनाने को,
झाड़ो मोरछड़ी को लगवाले,
हो जासी कल्याण,
मदन मोहन अष्टकम
ॐ नमः शिवाय
ॐ नमः शिवाय
ॐ शब्द सोऽहं ध्यावे,
स्वामी शब्द सोऽहं ध्यावे ।
प्रभु जी तुम संगति सरन तिहारी।
जग-जीवन राम मुरारी॥
ॐ जय कलाधारी हरे - बाबा बालक नाथ आरती
मंत्र: शिव तांडव स्तोत्रम्
मुखड़ा देख ले प्राणी,
जरा दर्पण में हो,
छठी माई के घटिया पे,
आजन बाजन,
बागो पेरे घूमरदार,
म्हारो सांवरियो सरकार,
लागे वृन्दावन नीको,
आली* मोहे लागे वृन्दावन नीको।
अथ चौरासी सिद्ध चालीसा - गोरखनाथ मठ
हाँ माँ हो तो ऐसी हो ऐसी हो
ऐसी हो काली मैय्यां तेरे जैसी हो
जय रामजी, जय रामजी
जय रामजी, जय रामजी
कृष्ण जिनका नाम है,
गोकुल जिनका धाम है,
मरना है तो एक बार मरो,
फिर चौरासी में पड़ना क्या,
सर पे मुकुट सजे मुख पे उजाला
हाथ धनुष गले में पुष्प माला
शंभु महादेव जय शंकरा
शंभु महादेव जय शंकरा
ऐ मुरली वाले मेरे कन्हैया,
बिना तुम्हारे तड़प रहे हैं,
मेरे भोले बाबा को अनाड़ी मत समझो,
अनाड़ी मत समझो, खिलाडी मत समझो,
जय राधा माधव,
जय कुन्ज बिहारी
जो तू मिटाना चाहे,
जीवन की तृष्णा,
सावन की बरसे बदरिया
सावन की बरसे बदरिया,
चटक मटक चटकीली चाल,
और ये घुंघर वाला बाल,
किसी के काम जो आये,
उसे इन्सान कहते हैं ।
रंग बरसे देखो रंग बरसे,
रंग बरसे देखो रंग बरसे,
एक नजर कृपा की कर दो,
लाडली श्री राधे ।
मैं परदेशी हूँ पहली बार आया हूँ,
दर्शन करने मइया के दरबार आया हूँ ।
म्हाने जाम्भोजी दीयो उपदेश,
भाग म्हारो जागियो ॥
बैल की सवारी करे डमरू बजाये
जग के ताप हरे सुख बरसाये
तारा है सारा जमाना,
श्याम हम को भी तारो ।
रामा रामा रटो,
करो सफल उमरिया,
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