चौपाई
अति बड़ि मोरि ढिठाई खोरी। सुनि अघ नरकहुँ नाक सकोरी।।
समुझि सहम मोहि अपडर अपनें। सो सुधि राम कीन्हि नहिं सपनें।।
सुनि अवलोकि सुचित चख चाही। भगति मोरि मति स्वामि सराही।।
कहत नसाइ होइ हियँ नीकी। रीझत राम जानि जन जी की।।
रहति न प्रभु चित चूक किए की। करत सुरति सय बार हिए की।।
जेहिं अघ बधेउ ब्याध जिमि बाली। फिरि सुकंठ सोइ कीन्ह कुचाली।।
सोइ करतूति बिभीषन केरी। सपनेहुँ सो न राम हियँ हेरी।।
ते भरतहि भेंटत सनमाने। राजसभाँ रघुबीर बखाने।।
दोहा/सोरठा
प्रभु तरु तर कपि डार पर ते किए आपु समान।।
तुलसी कहूँ न राम से साहिब सीलनिधान।।29(क)।।
राम निकाईं रावरी है सबही को नीक।
जों यह साँची है सदा तौ नीको तुलसीक।।29(ख)।।
एहि बिधि निज गुन दोष कहि सबहि बहुरि सिरु नाइ।
बरनउँ रघुबर बिसद जसु सुनि कलि कलुष नसाइ।।29(ग)।।
चौपाई
जागबलिक जो कथा सुहाई। भरद्वाज मुनिबरहि सुनाई।।
कहिहउँ सोइ संबाद बखानी। सुनहुँ सकल सज्जन सुखु मानी।।
संभु कीन्ह यह चरित सुहावा। बहुरि कृपा करि उमहि सुनावा।।
सोइ सिव कागभुसुंडिहि दीन्हा। राम भगत अधिकारी चीन्हा।।
तेहि सन जागबलिक पुनि पावा। तिन्ह पुनि भरद्वाज प्रति गावा।।
ते श्रोता बकता समसीला। सवँदरसी जानहिं हरिलीला।।
जानहिं तीनि काल निज ग्याना। करतल गत आमलक समाना।।
औरउ जे हरिभगत सुजाना। कहहिं सुनहिं समुझहिं बिधि नाना।।
दोहा/सोरठा
मै पुनि निज गुर सन सुनी कथा सो सूकरखेत।
समुझी नहि तसि बालपन तब अति रहेउँ अचेत।।30(क)।।
श्रोता बकता ग्याननिधि कथा राम कै गूढ़।
किमि समुझौं मै जीव जड़ कलि मल ग्रसित बिमूढ़।।30(ख)।।
चौपाई
ati baḍai mōri ḍhiṭhāī khōrī. suni agha narakahuom nāka sakōrī..
samujhi sahama mōhi apaḍara apanēṃ. sō sudhi rāma kīnhi nahiṃ sapanēṃ..
suni avalōki sucita cakha cāhī. bhagati mōri mati svāmi sarāhī..
kahata nasāi hōi hiyaom nīkī. rījhata rāma jāni jana jī kī..
rahati na prabhu cita cūka kiē kī. karata surati saya bāra hiē kī..
jēhiṃ agha badhēu byādha jimi bālī. phiri sukaṃṭha sōi kīnha kucālī..
sōi karatūti bibhīṣana kērī. sapanēhuom sō na rāma hiyaom hērī..
tē bharatahi bhēṃṭata sanamānē. rājasabhāom raghubīra bakhānē..
चौपाई
jāgabalika jō kathā suhāī. bharadvāja munibarahi sunāī..
kahihauom sōi saṃbāda bakhānī. sunahuom sakala sajjana sukhu mānī..
saṃbhu kīnha yaha carita suhāvā. bahuri kṛpā kari umahi sunāvā..
sōi siva kāgabhusuṃḍihi dīnhā. rāma bhagata adhikārī cīnhā..
tēhi sana jāgabalika puni pāvā. tinha puni bharadvāja prati gāvā..
tē śrōtā bakatā samasīlā. savaomdarasī jānahiṃ harilīlā..
jānahiṃ tīni kāla nija gyānā. karatala gata āmalaka samānā..
aurau jē haribhagata sujānā. kahahiṃ sunahiṃ samujhahiṃ bidhi nānā..