चौपाई
सब जानत प्रभु प्रभुता सोई। तदपि कहें बिनु रहा न कोई।।
तहाँ बेद अस कारन राखा। भजन प्रभाउ भाँति बहु भाषा।।
एक अनीह अरूप अनामा। अज सच्चिदानंद पर धामा।।
ब्यापक बिस्वरूप भगवाना। तेहिं धरि देह चरित कृत नाना।।
सो केवल भगतन हित लागी। परम कृपाल प्रनत अनुरागी।।
जेहि जन पर ममता अति छोहू। जेहिं करुना करि कीन्ह न कोहू।।
गई बहोर गरीब नेवाजू। सरल सबल साहिब रघुराजू।।
बुध बरनहिं हरि जस अस जानी। करहि पुनीत सुफल निज बानी।।
तेहिं बल मैं रघुपति गुन गाथा। कहिहउँ नाइ राम पद माथा।।
मुनिन्ह प्रथम हरि कीरति गाई। तेहिं मग चलत सुगम मोहि भाई।।
दोहा/सोरठा
अति अपार जे सरित बर जौं नृप सेतु कराहिं।
चढि पिपीलिकउ परम लघु बिनु श्रम पारहि जाहिं।।13।।
चौपाई
एहि प्रकार बल मनहि देखाई। करिहउँ रघुपति कथा सुहाई।।
ब्यास आदि कबि पुंगव नाना। जिन्ह सादर हरि सुजस बखाना।।
चरन कमल बंदउँ तिन्ह केरे। पुरवहुँ सकल मनोरथ मेरे।।
कलि के कबिन्ह करउँ परनामा। जिन्ह बरने रघुपति गुन ग्रामा।।
जे प्राकृत कबि परम सयाने। भाषाँ जिन्ह हरि चरित बखाने।।
भए जे अहहिं जे होइहहिं आगें। प्रनवउँ सबहिं कपट सब त्यागें।।
होहु प्रसन्न देहु बरदानू। साधु समाज भनिति सनमानू।।
जो प्रबंध बुध नहिं आदरहीं। सो श्रम बादि बाल कबि करहीं।।
कीरति भनिति भूति भलि सोई। सुरसरि सम सब कहँ हित होई।।
राम सुकीरति भनिति भदेसा। असमंजस अस मोहि अँदेसा।।
तुम्हरी कृपा सुलभ सोउ मोरे। सिअनि सुहावनि टाट पटोरे।।
दोहा/सोरठा
सरल कबित कीरति बिमल सोइ आदरहिं सुजान।
सहज बयर बिसराइ रिपु जो सुनि करहिं बखान।।14(क)।।
सो न होइ बिनु बिमल मति मोहि मति बल अति थोर।
करहु कृपा हरि जस कहउँ पुनि पुनि करउँ निहोर।।14(ख)।।
कबि कोबिद रघुबर चरित मानस मंजु मराल।
बाल बिनय सुनि सुरुचि लखि मोपर होहु कृपाल।।14(ग)।।
बंदउँ मुनि पद कंजु रामायन जेहिं निरमयउ।
सखर सुकोमल मंजु दोष रहित दूषन सहित।।14(घ)।।
बंदउँ चारिउ बेद भव बारिधि बोहित सरिस।
जिन्हहि न सपनेहुँ खेद बरनत रघुबर बिसद जसु।।14(ङ)।।
बंदउँ बिधि पद रेनु भव सागर जेहि कीन्ह जहँ।
संत सुधा ससि धेनु प्रगटे खल बिष बारुनी।।14(च)।।
बिबुध बिप्र बुध ग्रह चरन बंदि कहउँ कर जोरि।
होइ प्रसन्न पुरवहु सकल मंजु मनोरथ मोरि।।14(छ)।।
चौपाई
saba jānata prabhu prabhutā sōī. tadapi kahēṃ binu rahā na kōī..
tahāom bēda asa kārana rākhā. bhajana prabhāu bhāomti bahu bhāṣā..
ēka anīha arūpa anāmā. aja saccidānaṃda para dhāmā..
byāpaka bisvarūpa bhagavānā. tēhiṃ dhari dēha carita kṛta nānā..
sō kēvala bhagatana hita lāgī. parama kṛpāla pranata anurāgī..
jēhi jana para mamatā ati chōhū. jēhiṃ karunā kari kīnha na kōhū..
gaī bahōra garība nēvājū. sarala sabala sāhiba raghurājū..
budha baranahiṃ hari jasa asa jānī. karahi punīta suphala nija bānī..
tēhiṃ bala maiṃ raghupati guna gāthā. kahihauom nāi rāma pada māthā..
muninha prathama hari kīrati gāī. tēhiṃ maga calata sugama mōhi bhāī..
चौपाई
ēhi prakāra bala manahi dēkhāī. karihauom raghupati kathā suhāī..
byāsa ādi kabi puṃgava nānā. jinha sādara hari sujasa bakhānā..
carana kamala baṃdauom tinha kērē. puravahuom sakala manōratha mērē..
kali kē kabinha karauom paranāmā. jinha baranē raghupati guna grāmā..
jē prākṛta kabi parama sayānē. bhāṣāom jinha hari carita bakhānē..
bhaē jē ahahiṃ jē hōihahiṃ āgēṃ. pranavauom sabahiṃ kapaṭa saba tyāgēṃ..
hōhu prasanna dēhu baradānū. sādhu samāja bhaniti sanamānū..
jō prabaṃdha budha nahiṃ ādarahīṃ. sō śrama bādi bāla kabi karahīṃ..
kīrati bhaniti bhūti bhali sōī. surasari sama saba kahaom hita hōī..
rāma sukīrati bhaniti bhadēsā. asamaṃjasa asa mōhi aomdēsā..
tumharī kṛpā sulabha sōu mōrē. siani suhāvani ṭāṭa paṭōrē..