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जिस दिन ए मुरली वाले मैं अपना घर
हम है वृंदावन के वासी
बिन पैसे के दुनिया में कोई पूछे जात
मोहे खेलन संग तेरे होरी
मेहर करो सांवरिया नजर करो सांवरिया
थारो म्हारो साँवरा कोई बहुत पुराणों
मोर छड़ी से ताला खोला दुनिया में
राजी राजी राखो बाबा फिर थारे दर पे आवा
हे शिवशंकर भक्ति की ज्योति अब तो जला
शारदे शारदे वर दे माँ ऐसा एक युग में तो
माता तेरे खजाने में ममता भरी पड़ी
कदम कदम पर साथ है मैया तुम्हारा
राधा ऐसी भई श्याम की दीवानी
लाज राखले मेरे असुवन की
मेंलो फागुन को इब के घुमा दे बालमा
म्हाने कोई खाटू तो ले चालो
महिमा कही ना जावे बाबा श्याम की
चहल पहल हो खाटू माहि हर ग्यारस की रात
आई फागण की रुत आई अब तो आजा श्याम
पाउंदा गल सरपा दी माला लाडा गोरा दा
बोल कान्हा बोल गलत काम कैसे हो गया
ले रंग गुलाल चालो चालो रे खाटू धाम
संसार का सारा सुख केवल श्री राम
आयी जी फागुन की रुत आयी
आयो रे आयो रे देखो मदन गोपाल
आयो रंग रंगीला फागन मेला देखन जावन दे
मार लो डुबकी मार लो डुबकी गंगा बहती
फागुन के मेले में मिल गया श्याम
के होली आई सा रा रा रा
मेला फागुन दा लगदा श्याम दरबार
तू खाटूवाला है तू लीलेवाला है जग
ढोलक झाँझ मजीरा डफली ले
मोपे चढ़ा श्याम का रंग
भर दो झोलिआ मेरी माँ सवाली जावे ना
मन बाला जी बाला जी बोले
भागा रे भागा रे भागा नंदलाला
तेरे प्यार में साँवरे
सुख हो या दुःख प्यारे जब भी बुलाएगा
चलो बुलावा आया है बाबा ने बुलाया है
फ़िकर नॉट साँवरिया जी उडीके थारी बाट
मैं निर्धन तूं सेठ सांवरा
म्हारे हिवड़े में बस ग्यो बाबो श्याम
थारो म्हारो साँवरा कोई बहुत पुराणों
तेरे खाटू के मंदिर में
राम सुन लो मेरी बात तुम गौर से
तेरे धाम पै आना जाना
तेरे दर पे आये श्याम तुझको मनाने
तेरी रहमत का है ये असर संवारे
भोलीसी सुरत माथेपे चंदा देखो चमकता
श्यामा लगया कलेजे तीर सब तैनू काला
श्यामा तू अपना ना बनया मैं रहया तेरे
सांझ सवेरे अधरों पर मेरे बस तुम्हरो है
बड़ा आनंद आवे ही बाबा जी तेरे सत्संग
तन की चादर पुरानी हुई बाबरे
मेरे श्याम दिए तस्वीरें मैं प्यार
शेरावाली मैया मेरी लाज
घडी फागुन मेले की आई
मैं पतित पुरातन तेरी शरण
अखीयां निमाणीआं दा मान रख लै
तेरी मर्जी का मैं हूं गुलाम मेरे
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