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जानकी नाथ सहाय करे तब काह बिगार करे नर
सुनो सांवरे दिल मेरा क्या खुशियों का
आयो फागण रंग रंगीलो
बोल पिंजरे का तोता राम
कैसे बैठा रे आलस में मुख्य से राम
खाटू वाले मेरे दिल की सुनते क्यों
आएगा जब रे बुलाबा हरि का
नाम हरि का जपले बन्दे फिर पीछे
तेरी ऐसी दया मनमोहन हो
तेरा लेके उल्हाना आज श्याम मैं नन्द
तेरे चेहरे में वो जादू है
भोला भाला तू अंजनी का लाला है
कान्हा जो तू मुस्काया
आया मेला श्याम का खाटू जाऊँगा
मेरे करदिये ठाठ निराले
छोड़ दे कलाई मोरी मोहना मुरारी
होली के दिन मेरे संवारिये क्यों परदे
मैं तो बरसाने से आई
जो हारे का साथ निभाये बिगड़े काम बनाये
कह देना मुरली वाले से
बाबा मैं हर जन्म तेरा ही दास बनू
हम हैं सेवादार तेरे
बाबा श्याम की दीवानी मैं तो बनी रे बनी
फागुन मेला आया है उड़े रंग गुलाल
नाचे मन का मोरियो पीहू करे पुकार
मेरो सांवरो मिजाजी राखे भगता ने राजी
मेरा कोई न सहारा
चुनरिया माँ की रेशमी कोई गोटा लगाओ रे
हुरदंग श्याम की
माँ की चिट्ठी
खाटू वालो श्याम के आयो मेलो फागण को
दुल्हनिया मोहे मँगा दे री
रिद्धि सिद्धि के तुम हो पति
मेलो श्याम को खाटू में लाग्यो
माँ ने खोल दिते अपने भंडारे
जो भी आया हार के दर पे तार दिया
फागण मेला आया है
तेरे भरोसे श्याम खाटू श्याम
गोदी में उठा लो मेरी मां गजानन छोटे
श्याम मुझे नौकर रखलो अपने ही द्वारे का
कहे बालक पण में कृष्ण जी मैया मैं
तेरी चुनरी जब लहराए
चाहे गले मैं नाग
सभी भक्त करते इन्तजार आओ न
राम रमैया कृष्ण कन्हैया भजले
होली खेल रहे नन्द लाल वृन्दावन की कुंज
तेरे हाथ में बाला जी मेरी डोरी रे
ये घोडा देखो नीले रंग का
श्याम जबसे साथी बना संकट से अब हम ना
सूझे ना राह बाबा करदे निगाह बाबा
खाटू का राजा है श्याम मेरा
मैं भानु लली की दया चाहता हूँ
गलती तेरी है सरकार
कमाल हो गया बाबा जी
फगनियो आयो बाबो बुलावे है
सतरंगी फागुन धमाल
तेरी बांसुरी ने गजब ढा दिया है
हर रात मुझे सपनो में
तुझमे सब दिखता है बाबा मैं क्या करूँ
फागुन की मस्ती में बाबा को नचाये गे
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