YugalSarkar.com
Home
Lyrics
Bhagwad Gita
Texts
Specials
Bhajan Lyrics
भजन Categories
राधा भजन
कृष्ण भजन
Chetavani Bhajan(4)
Bansuri Bhajans(6)
Holi Bhajans(12)
Prarthana Bhajans(15)
Virah Bhajans(9)
Sharnagati Bhajans(9)
Brij Bhajans(21)
Leela Bhajans(12)
Swagat Bhajans(1)
Other Bhajans(2)
Radha Ji Bhajans(12)
Naam Bhajans(2)
Stotras(2)
Shringar Bhajans(4)
Aarti(1)
Shiva Bhajans(21)
Naam Mahima Bhajans(6)
Load New Set of Bhajans
कान्हा तेरे दर पे आई कान्हा तेरे दर पे
सब सुख मोह को त्याग के मैं आई तेरे दर पे
॥ सार्थशिवताण्डवस्तोत्रम् ॥
॥ श्रीगणेशाय नमः ॥
मीठो है नमकीन है बाबा चरपरो थोड़ो खाटो
सोने की थाली में परोसेयो ढाल चांदी को
हो जड़ चेतन के माली –
तनै करे पूतले त्यार तेरै तै हाथ मँ
रंगीलो राधावल्लभ लाल, जै जै जै श्री
विहरत संग लाडली बाल, जै जै जै श्री
माँ बाप की इस कलयुग में किस तरह कटे
वो बेटा क्या बेटा है जा ने माँ की कदर ना
मुझे चढ़ गया राधा रंग रंग, मुझे चढ़ गया
श्री राधा नाम का रंग रंग, श्री राधा नाम
दिन होवे रात होवे, तेरा जिकर करा मैं
तेरे होंदेया वे मेरे साईया कानू
अजब है रूप और अजब तेरी हस्ती,
चढ़ी है भोले तेरे नाम वाली मस्ती ।
कहानी वैष्णो रानी की ...कहानी वैष्णो
कहानी वैष्णो रानी की ...कहानी वैष्णो
ऊँचे ऊँचे मंदिर तेरे, ऊँचा तेरा दरबार
कैलाश वाले शिवजी हम करते हैं तुझे
सबिन्दुसिन्धुसुस्खलत्तरङ्गभङ्गरञ्जितं
द्विषत्सु पापजातजातकारिवारिसंयुतम्
क्यों काया भटकावै माया जोड़ जोड़ धर
गीता ज्ञान सुण्या कर बन्दे परले पार
विघ्नहरण मंगल करन गौरी सुत गणराज
मैं लियो आसरो आपको तो प्रभु रख्यो
यदा यदा ही
अभ्युत्थानमधर्मस्य
जग में सुन्दर है दो नाम, चाहे कृष्ण कहो
बोलो राम राम राम, बोलो श्याम श्याम
तीनो लोकन से न्यारी राधा रानी हमारी।
राधा रानी हमारी, राधा रानी हमारी॥
भोर भाई दिन चढ़ गया मेरे बाबा
हो रही जय जयकार मण्डप बिच,
तेरे दर उत्ते गिद्दा अज पाणा, तैनू नच
तेरे ना दा जोगी बण जाना छड़ सारी
सतगुरु तुम्हारे प्यार ने जीना सीखा
हमको तुम्हारे प्यार ने इन्सां बना
मेरे नैना विच्च सतगुरु आन वसेया, नयन
नयन खोला किवें, खोला किवें, खोला किवें,
झुंझनू में मोटी सेठानी, डोकवा में लाडो
तनधन बाबा ने जहाँ दिया बलिदान , रानी
शेरावाली की जय , दुर्गाकाली की जय
माता वैष्णव रानी की जय जय आय
माँ तेरी तस्वीर सिरहाने रखकर सोते हैं,
यही सोच कर अपने दोनों नैन भिगोते हैं ।
आदत आदत आदत है,
जिसको पड़ी जिसकी आदत है।
दरद बन करके जिसके दिल मे सुंदर श्याम
वही बंदा मुसीबत में किसी के काम आता है
न कहीं से दूर हैं मंजिलें,
न कोई करीब की बात है ।
सुबह सवेरे घर से निकल जाते हैं
मेरे पापा दाना पानी लाते हैं ।
तेरा मेरा मेरा तेरा साथ है निराला ।
ये दुनिया जले तो जले, मईया जी मेरे संग
मेरे विश्वास को थोड़ा सा सहारा दे दो ।
बस एक बार सही अपना नजारा दे दो ॥
जाकी गति है हनुमान की ।
ताके मन मह बसत हैं,
मौजां रखी दातिए मेरी मौजां रखी माँ
लाई चरनी तू रख मैनु करि ना माँ वख
हम पर नज़र कृपा की करना, करुणामयी
करुणा रस बरसाती रहना, करुणामयी श्यामा
तुमसे मिलने को ऐ मुरली वाले, दिल के
जैसे जल के बिना तड़पे मछली, हम भी वैसे
ज़रा इतना बता दे कहना, तेरा रंग काला
तू काला होकर भी जग से निराला क्यों॥
श्यामा रोज ना बजाय करो बंसरी
वे घरो साणु मार पैंदी ए, सुन मोहिना
हरि नाम का प्याला ज़रा पीजिये,
फिर हरि हरि, हरि हरि, हरि हरि ही कीजिये
अज मैया दे द्वारे उते ढोल वजदा,
नचलो बई जिदा-जिदा दिल करदा,
देखा करो ना सांवरे हमको यूँ प्यार से
हम तो हुए हैं बावरे नज़रों की मार से
आओ श्याम जी कन्हैया नंदलाल जी,
मेरे प्राणो से प्यारे गोपाल जी ।
मेरे सतगुरु ना मुझको भुलाना,
सेवक हूँ तेरा, नहीं हूँ बेगाना
सईओ नी मेरे सत्गुरा दा एह प्यार अनोखा
बाकि सारा जग लगदा मैनु धोखा ही धोखा है
कोई तो मेरे घनश्याम से कहदे
अरे वो मथुरा ना जाए, वो वापस लौट के आए
किसे दी गवाची मुंदरी, किसे दी गवाची
मेरा ता गवाचेया दिल, जेहडा ले गया
शाह बिना पत् नहीं, गुरु बिना गति नहीं,
सगत पई पुकारदी, गुरु बेड़ी बन्ने ला
आओ श्याम जी कन्हैया नंदलाल जी,
मेरे प्राणो से प्यारे गोपाल जी ।
दुनिया का बन कर देख चूका, गुरुदेव का बन
इस राह में कितनी खुशियां है, यह राह भी
जीनु याद गुरा दी आवे, ओहनू घर विच चैन ना
ओ बंदा भज भज दर्शन पावे, ता समझो
श्री सतगुरु के प्रेमी मंजिल से ना
दिन रात नाम का तू सुमिरन करते जाना ।
कत प्रीता नाल चरखा सिमरन दा
धीए, चरखा सिमरन दा, बहने चरखा सिमरन दा
शिव पूजा में मन लीन रहे मेरा मस्तक हो
मिट जाए जन्मों की तृष्णा मिले भोले
जग जननी माँ आध कवारिये गल सजदी ना राज
मैया फुलां ते लैंदी ए माँ लोरिआं, असां
राम का गुणगान करिये, राम का गुणगान
राम प्रभु की भद्रता का, सभ्यता का
कृष्णा गोविन्द गोपाल गाते चलो
अपनी मुक्ति का साधन बनाते चलो
मैं चिठिया लिख लिख हारी,
कब आओगे बांके बिहारी
गोस्वामी तुलसीदास कृत
संकटमोचन हनुमानाष्टक
भूल भुलेखे जदों साडी याद आवे, सानु याद
गुफा विच बैठी ये जे दिल घबराए तेरा, ते
मेरे सांवरे सलोने कन्हैया तेरा जलवा
तेरा जलवा कहाँ पर नही है, तेरा जलवा
ना जाने कौन से गुण पर, दयानिधि रीझ जाते
यही सद् ग्रंथ कहते हैं, यही हरि भक्त
मेनू दे वरदान भवानिए तेरा शृंगार
तेनु लाल चूड़ियाँ पावा, लाला दे हार
Previous
5
6
7
8
9
10
(current)
11
12
13
14
15
Next
© Copyright 2015-2024,
YugalSarkar.com