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तेरा भवन है रंग बिरंगा वगे चरना दे विच
लगदा हर इक नु एह चंगा दातिये,
माँ को याद न आए, चाहे माँ को याद न आए
हमे तो झुंझनूँ जाना जी, बुलावा आए या न
श्याम को याद न आए, चाहे श्याम को याद न
हमे तो खाटू जाना जी, बुलावा आए या न आए
तेरे नाम का जैकारा माँ ,दुख संताप हरे
बांधो रे सर पे लाल चुनरिया ,भक्तो चलो
इक तेरे भरोसे मैं रहना चाहूं गिरधारी,
किरपा तेरी मिल जाए,
मैं निर्धन तू सेठ साँवरा के फायदा इस
बता कद ताला खोलेगा बाबा बंद किस्मत
हारे का जो साथी बनता है बाबा उसके साथ,
दीनो के दिल में रहे दीना नाथ,
प्रेम की डोर जब से बंधी आपसे,
दिल हुआ है दीवाना मेरा सँवारे
उड़ काले कावा तेनु चुरियाँ मैं पावा,
उड़ काले कावा
रंग दिये नन्द गोपाल बरसाने वाली ढूंढ
बरसाने वाली ढूंढ रहे,
नैनन में श्याम समायो रोग लगाया कान्हा
मैं सुध भुध भूली साऱी रोग लगायो कान्हा
बड़े दर दर धक्के खाये पर मिला कभी आराम
मैं जब खाटू आया मेरी पूरी होगी कामना,
आया फागुन का त्यौहार खेला गे होली खाटू
रंग बरसावा खाटू में जी संवारिये संग
चाल दिखाऊ तने नजारा खाटू धाम का,
कलयुग में डंका बाजे बाबा शाम का
है कण कण में झांकी भगवान् की,
किसी सूझ वाली आँख ने पहचान की,
प्रेम से लगाओ गुलाल कान्हा को आज होरी
कान्हा जी को होरी में होरी में,
कान्हा ने रंग डारी रे,
मोरी गोरी चुनरियाँ होली में,
आये श्यामा जी तेरे द्वार ये जग मेरा
सुन लो मेरी भी पुकार ये जग मेरा वैरी
करो भजन रहो श्याम शरण, सदा रहोगे मौज
रोज गुलाभी नोट रहे गे थारी गोज में,
संतन के संग लाग रे, संतन के संग लाग रे,
तेरी भली बनेगी संतन के संग
साई के रंग में साई के रंग में आज रँगाओ,
अपनी चुनर सारी रात होली खेलन दे,
खाटू वाले श्याम तेरी बात निराली,
तू भी निराला श्याम तेरी झांकी निराली,
आजायो मोरी इन गलियन में
होली खेलुगी तेरे संग श्याम आजा मोरी
होली खेलन को आयो रे श्याम,
कहा छुपी निकल तू राधा,
सोहणा दर शेराँवाली दा हो जिथे ढोलक
हो तक्क तक्क दीद् अम्मीऐ, मेरी अख्ख वी
कान्हा तेरी याद में ब्रज सारा रोये रे,
गोपिया भी रोये कान्हा ग्वाल भी रोये
माँ तू सब ते रेहमता करदी है,
सबना दे दुखड़े हरदी है,
इकली खड़ी रे मीरा बाई इकली खड़ी,
मोहन आवो तो सही गिरधर आवो तो सही,
मन बसिया मेरे श्याम रसिया,
ओ खाटू के राजा तेरा दर्शन किया,
जी मैं सुपना सुनावा कल रात दा,
जोगी/बाबे दे नाल गल्ला कितियाँ,
दूर करो दुःख दर्द सब, दया करो हे माँ
मन मंदिर में उज्वल हो, तेरा निर्मल
हर पल मुस्काता हु मैं मौज उड़ाता हु,
क्यों तरसु खुशियों को मैं जो खाटू में
होली खेलन राधा आई रे आओ श्याम बिहारी,
श्याम बिहारी घनश्याम बिहारी,
मैं तो खेलु रे शिव संग होली,
संग में है फ़रिश्तो की टोली,
रंग चटक डाल गेयो चोली में सखी आग लगेगी
नन्द लाला ने बरसाने में खेली ऐसी होली
तन मन चोला साडी चुनर भीग गई म??
सांवरियो रंगीलो रंगीलो बाबा श्याम,
होली खेलन आप चालागा खाटू धाम,
रेहम नजर कर दे झोलियाँ मंगतो की भर दे,
ओ रखवाले शिरडी वाले किरपा दृस्टि कर
मिला के श्याम से नजरे तू दिल की बतला दे,
लगा कर दरबार बैठा है तेरे हालत दिखला
श्याम नाम रंग बरसेगा फागण में,
चलो खेलेगे होली वृन्दावन में,
कोई चिंता न जब म्हारे सिर पै श्याम धणो
दीं दुखी री बात विचारे बाबो दीना नाथ,
पौणाहारी दे द्वारे दुःख दूर हुन्दे
जो भी सच्चे दिलो मने सिद्
माँ चिंतपूर्णी मैनु रंग च रंगा,
होर कोई रंग चढ़े न मैनु ऐसा रंग तू चढ़ा,
फागण खेलन आये नन्दलाल संग में राधा
राधा रानी के संग में राधा रानी के,
खेलन होरी आ राधा प्यारी,
राधा भी आई सखियाँ भी आई,
ग्वालन भी आये और गोपियाँ भी आई,
सखी ले आओ रंग की पटारी,
हाए नी श्याम ले आये पिचकारी,
मेरे जीवन के आधार प्यारे आजाओ एक बार
मेरे जीवन के आधार हरि आजाओ एक बार
सुनले कन्हियाँ अर्जी हमारी,
तारो न तारो ये है मर्जी तुम्हारी,
जमी से आसमाँ तलक देख रहा हूँ
सितारों मे तेरे जलवो की झलक देख रहा
यह बिनती रघुबीर गुसांई,
और आस बिस्वास भरोसो,हरो जीव जडताई,
वो लम्हा आखरी हो जब दिल तुम्हे भुलाये,
तेरा नाम भूलू जिस दिन मुझे मौत श्याम
फागुन आया सारे लाये है गुलाल सँवारे,
आजा आजा होली खेल साढ़े नाल सँवारे,
तर्ज: मेरे पाछै पाछै आवण का भला कोणसा
होलिया में उड़े रे गुलाल श्याम तेरे
श्याम तेरे मंदिर में कनुड़ा तेरे
(तर्ज:सवारियां तेरा मुझको•••••
मुझे श्याम मिला है, जब से जमाना मिल गया
क्या कहना मेरे बाबा के दरबार का,
सुन के आया मैं आया नाम खाटू श्याम का,
वनवाला मत न जा जे के जी न लगे,
बेगो बेगो आ जे के जी न लगे,
सेवक तू श्याम का होता है क्यों उदास,
संवारा तेरी पूरी करेगा आस,
छम छम नाचती गाती आये थारे दरबार,
था पर वारी वारि जाऊ जय हो खाटू श्याम,
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