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आप के दर पे जो आ गया,
सब मुरादे वही पा गया,
मैं जोगन साई फ़कीर दी आ,
मैनु दुनिया दी कोई फिकर नहीं,
दर पे बुला लिया गुरु जी दर पे बुला लिया,
अपना बना लिया गुरु जी अपना बना लिया,
छानमं करदी गली दे विचो निकली,
मैया जी दी पालकी सुनहरे रंग दी,
सिद्ध योगी नाल प्यार पा लिया सारी
चोला भगमा रंगा के कनि मुंद्रा मैं पाके
शाहतलाइयाँ हेठ बोहड़ ते बैठा आसान लाई,
भोली तार दे गुफा निराली जिथे झुके
मैंने झोली फैला दी कन्हैया,
अब खजाना तू प्यार का लुटा दे,
दुनिया के द्वारो से मैं ठोकर खा के
मेरी सुनी हो गई मांग सो गया बगियाँ का
नाम जपनं दी आदत पा, नाम जपनं दी आदत पा,
ध्यानु भगत दी भगती वरगा मेनू भी कोई
होण मुबारक सब नु एह जो घड़ियाँ आइयाँ
गुरु पूरब दियां सरेया नु हों
संगता ने भंगड़े पौन्दियाँ पीनदे ने
सूखा नाल आई शिवरात्रि महादेव तो दुआवा
खाटू वाले बाबा श्याम आज थाने आनो पड़ो
भगता पुकारे थारा नाम दर्श दिखाना
हरी दर्शन की प्यासी अखियां,
जिथे साड़ी लगी आ तू लगी रेहन दे,
लोकी कहन्दे मन्दी एह ते मन्दी रेहन दे,
वृषभानु की दुलारी बड़ी प्यारी लागे,
पयारी लागे सुकुमारी लागे,
चाहत में हमने श्याम की खुद को मिटा
चाहत में हमने आप की खुद को मिटा दिया,
छोड़ के आया मैं जग तेरे दवार पर,
अपनी किरपा से त्रिलोकी उधार कर,
तू तो आँखों से इक पल न ओजल हुआ,
तू मेरा हो गया देखते देखते,
हे शम्भू शीश गंगधारी तू बड़ा किरपावान,
तू ही संकट हारी तुझे कहे त्रिपुरारी
भोले तेरा दरबार में आये जो इक बार,
कष्ट मिटे सब उसका मिल जाये तेरा प्यार,
मन में एक वेचैनी है दिल ये मेरा गबराये,
आज क्या हो गया माँ पापा घर नहीं आये,
मेरी खुशियों का नही है ठिकाना के मेरे
मुझे खुशियों का देने नजराना के मेरे
ले गया ले गया ले गया,
दिल मुरली वाला दिल ब्रिज का ग्वाला,
हे गोपाल राधा कृष्ण गोविंद गोविंद
गोविंद गोविंद कृष्ण गोविंद गोविंद,
नि मैं गोविन्द गोपाल गौन्दी फिरा,
प्यारे मोहन नु रिजांदी फिरा
भगत श्री राम का नहीं है हनुमान सा,
दीवाना श्री राम का नहीं है हनुमान सा,
अव्वल अल्लाह नूर उपाया कुदरत के सब
एक नूर ते सब जग उपजाया कौन भले को मंदे,
अपने चरणों में रखना हमेशा साई जी,
जी रहा हूँ किरपा पे मैं तेरी साई जी,
शंकर शंकर भोले शंकर शंकर भोले,
तेरे दर्शन पा कर आज मेरा मन ढोले,
भोग भंग का लगा के,
तन पे भस्म रमा के,
सुबहो शाम जो राम नाम का करता है गुण गान,
जीवन की हर एक मुश्किल खुद हो जाती आसान,
तू सोच जरा इंसान तेरी क्या हस्ती है,
तू दो दिन का मेहमान जगत में करता फिर
झूम रहा सारा कैलाश भोले जी की भगति में,
भोले जी की भगति में भोले जी की भगति में,
ना थी किस्मत मेरी तूने इतना दियां,
है तेरा शुकरियाँ है तेरा शुकरियाँ,
बांके बिहारी रे दूर करो दुःख मेरा,
गिरवरधारी रे दूर करो दुःख मेरा,
ठीक करुगा नाम तेरा उल्जी तेरी तानी नु,
आजो रल मिल सारे पड़िये गुरु रविदास दी
आई है शिव रात्रि मनवा जप शिव नाम,
पार्वती शिव पूजा करने भक्तो चलो शिव
राती सुनपे दे विच आया मैनु जोगी दर्श
मेरा रोम रोम मुस्काया आज मैं घर न
बडे मंदिर दिया मालिका मेरी अर्जी सुने
होरा दे दुखड़े दूर किते जीवे मैनु वि
मैं जदों दा शिरडी जाके मथा टेक लिया,
मैं सचे रब नु साईं दे विच देख लिया,
सांवरिया मेरे सांवरिया मेरे,
तुम हो तो दुनिया कितनी हसीन है,
अब न सताओ जल्दी से आओ,
अब न रुलाओ जल्दी से आओ,
मँग लो मुरादां अज माँ तो मुहों
जागे वाली आई सोहनी रातमँग लो मुरादां
असि उड़ दे आसरे तेरे,
गुफा दे विच रेहन वालेया,
वर दे के भण्डार भरेगा शिव भोला भंडारी,
जीवन का संचार करेगा शिव भोला भंडारी,
मेरे श्याम बाबा सुन लो एक अर्ज ये मेरी ,
छोड़ के जाऊ जब दुनियां सांवरे पलक
साई नाम का जग है दीवाना,
करता सब की मुरादे है पूरी,
हे राम मेरे राम, हे राम मेरे राम,
हे राम मेरे राम, हे राम मेरे राम,
अब के बरस तुझे धरती की रानी कर देंगे,
अब के बरस तेरी प्यासों मे पानी भर
करती ताडंव काली क्रोध मे आकर के,
करती ताडंव काली क्रोध मे आकर के,
शुकराना साँवरे तेरा कैसे अदा करूँ,
क्या क्या नही दिया मुझे कैसे बयां
रसिया रोज मेरे घर आवे
बहाना करके होरी को,
गऊर बाई पूजी रई जलवाय सई नन मंगल गया हो
कि सई नन मंगल गया हो ,
ऐसी होली तोहे खिलाऊँ,
दूध छटी को याद दिलाऊँ सुनले सावरे,
मैं ढूंढ फिरि जग सारा,
मुझे मिला न प्रीतम प्यारा,
नि मैं नचना माँ दे द्वार द्वार नि मैं
शर्मा संगा ला के सरिया भूल के एह संसार,
मेला लग गया भगतो चिंतपूर्णी माँ दे
माँ वंडी जांदी है भगतो सब न खुशिया
जीहदे साइयाँ दी झंजर पै जंदी,
ओ फ इको जोगी रह जंदी,
यु तोह अपने भारत में संतो के रेले है,
शिरडी वाले साई तो लाखो में अकेले है,
बदले अगर जो सारी दुनिया बदले चाहे
नहीं परवाह है मुझको कान्हा बस तु बदल
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