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मेरा खाटू वाला है पहचान मेरी,
मिला श्याम जब से बड़ी शान मेरी,
मैं सतगुरु वाली हो गई आ,
मेनू नशा नाम दा रहंदा ए,
सतिगुरु दे हथ डोर माये नि मेरी सतिगुरु
आपे लाइयाँ कुंडियां नि माये आपे खिचदा
गुरा दा जनम दिहाड़ा आया सब ने चावा नाल
मैं भी दिंदा हां वदाहियाँ सब नु हाथ
अम्बीके भवानी मुझे क्यों विसारा देदो
चरणों से दुरी नहीं अब गवारा दिल ने
अमृत को छोड़ के ज़हर काहे पीजिये,
साई नाम लीजिये सदा मौज कीजिये,
खाटू मे बैठ सांवरे दुनिया चला रहे हो,
रस्ते के पथरो को तुम हीरा बना रहे हो,
साई के नाम से भव सागर पार हो जाये,
तेरे सब पापो से तुझको निजात मिल जाये,
करा वेंतिया सुन ले तू आजा,
आजा वे आजा वे सोहने जोगियां,
ऐसा गुनाह करादे मुकदमा आये तेरे पास
दादी तेरे मंदिर में आ जीवन कारा वास हो,
जैसे तुम सीता के राम जैसे लक्ष्मण के
जैसे हनुमत के भगवान,
आए हैं प्रभु श्री राम,
भरत फूले ना समाते हैं,
मैं हो गई वैरागन माँ दर्शन गुरु रविदास
हूँ कदे भी चूकना नहीं इक वारि सिर चरनी
राम सीता और लखन वन जा रहे,
हाय अयोध्या में अँधेरे छा रहे,
सुन ले ओ खाटू वाले दुनिया के है सताये,
सब ने रुलाया मुझको इक तू ही तो हसाये,
खाटू के श्याम बाबा मिला जब से तेरा
दुःख दूर हो गये सब होता आराम से गुजारा,
फूल कलियाँ नाल सज सवार,
संगता जांदियाँ ने बलिहारी,
भूलेंगे न तेरा अहसान हनुमत राम के
जब जब राम पे संकट आये तब तब हनुमत
प्रथमहि घुटुरन चलत कन्हैया:
धन भाग ओहना दे जी जीना दे घर संत परोने
कौन किसे वल आवे जावे सतिगुर मेरा आप
नाम जपले गुरा दा जिन्दे मेरिये नि औखी
गुरु रविदास जी दी महिमा नियारी ऐ,
अपने ही रंग विच रंग कांशी वालेया,
हथ जोड़ तेरे आगे अरजा हा करदे,
मैं तो संग जाऊं बनवास,
स्वामी ना करना निराश,
लीले घोड़े पे होके सवार,
सांवरिया आ जाओ
राम नाम लड्डू गोपाल नाम घी,
हरि नाम मिश्री तू घोल घोल पी ,
बाला जी महाराज आज राखियो लाज आज तेरे
थोड़ी किरपा करदे आज मेरे पे,
इक लड़ फड़्या गुरु जी तेरे नाम दा,
झूठा सारा जग है कोई नहीं काम दा,
माँ गंगे माँ गंगे माँ,
लगा कुंभ का मेला भारी चल कर रे ले असनान
मैं हां तेरे चरना दी धूल बाबा लाल जी
करियो न अपने तो दूर बाबा लाल जी,
तू ही तू ही तू ही तो मेरा है नन्द नन्दन,
मैं भी मैं भी मैं भी तो हु तेरा नन्द
कोई आया है कोई आया है,
कोई आया है मन की फूलवरियाँ में,
मोर सवारी आ मेरा बाबा मोर सवारी आ,
अंग भभुतिया ला मेरे बाबा अंग भभूतियाँ
जब कोई न हो अपना,
बस श्याम नाम जपना,
गुरु जी तेरे नाम तो बिना,
साहनु कौन गरीबा नु जाने,
मैनें श्याम से अर्जी लगाई किसी से अब
श्याम करता है सुनवाई किसी से अब क्यों
शंकर तेरी जटा से बहती है गंग धारा
काली घटा में चमके जैसे कोई सितारा,
की लेना वडया बन के मेरा जोगी यार गरीबा
मेरा बाबा नाल गरीबा दे,
डम डम डमरू बाजे शिव सन्यासी का,
कैलाशी काशी के वासी का,
मैनु रखलो सेवादार बाला जी होजे बल्ले
रज रज के करा दीदार बाला जी होजे बल्ले
करो तुम मुझपे दया साई नाथ,
ओ साई जी ओ बाबा जी,
बालियों के बलि बजरंगबली,
हर बिगड़े काम बनाते है ,सब मंगलमय कर
प्रेम के भावो से कन्हैया तोल देंगे हम,
तेरे स्वागत में दरवाजा दिल का खोल
नम: शिवाये नम: शिवाये रटता जा,
ॐ शिव ॐ शिव ॐ शिव ॐ शिव ,
भरत पियारा मेरो नाम हनुमान, नाम हनुमान
संघ किरण घर घर देने को अगणित नंदादीप
मौन तपस्वी साधक बन कर हिमगिरि सा
खाटू वाले भोग लगाले ये मेरी अरदास
खाटू वाले भोग लगाले........
मेहरा वालियां साइयां दे जा दर्शन एक
असी करदे उडीका बेठे खोल के द्वार,
गोरा बोली भोले से,कब बरात लाओगे,
इन चांदनी सी रातों में,दुल्हन कब
मेरे तो मन भा गयो रे यो खाटू को बाबो
यो खाटू को बाबो श्याम,यो खाटू को बाबो
आराधना करता हूँ , मेरे श्या,म के लिए,
मैंने रंगा केसरी चोला , लखदातार के लिए,
वे श्यामा तेरे दरश दी मारी,
मैं जोगन हो गईया,
जब याद तुम्हारी आती है मैं तेरे दर पर
अपने सुख दुःख हे ठाकुर मैं रो रो
हे जीके राम नाम का खटका वो नहीं जगत में
हे वो नहीं जगत में भटका वो नहीं जगत में
सरेया तो सोहना बालक नाथ है,
जिहड़ा सोने दी गुफा दे विच वास है,
गुफा दे विच है बैठे सिद्ध नाथ
बालक नाथ योगी कहन्दे सारी दुनिया जिस
कौन जाने गुण तेरे जोगियां कौन जाने गुण
झोलियाँ भर भर भंडी जावे दुःख हर देयो
जो स्वर्ग देखना चाहते है,
वो कम्पिल जी आ जाते है,
दरबार ये श्याम प्रभु का है,
यहाँ जो मांगो वो मितला है,
सांवरिया म्हाने खाटू भुला लियो जी,
फागण का रसियां खाटू भुला लो जी,
किथे रेह्न्दे हो आज कल श्याम जी,
साहनु मिलियाँ नु हुन बड़ी देर हो गई,
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