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पल पल ने गुरु जी नाल मैं क्यों गबरावा,
हर वेले करण संभाल मैं क्यों गबरावा,
मैं गुरु बिन देखे नींद न आवे,
मेरे मन तन में गुरु बिरहु लगावे,
बिगड़ी मेरी तकदीर को तूने बनाना है,
दर छोड़ कर तेरा कही न और जाना है,
इबादत कर इबादत करण दे नाल गल बंदी एह,
किसे दी आज बंदी है किसे दी कल बंदी है,
गुरु जी दया करके मुझको अपना लेना,
मैं शरण पड़ा तेरे चरणों में जगह देना,
चिंता छोड़ के गुरु जी न धया ले कारज
मैं बलहारी सतगुरु तेरे गुरू जी आये
मंगना भी नहीं आउंदा मैनु फिर भी तू
मैं को जी कमली दे पले मुहो मंगियां
गुरु जी आवनगे ओ फेरा पावन गे,
संगत जी नजर टिकावन गे दर्श दिखावन गे,
शिव भोलेया वे लूटी जिन्दगी गमा ने,
जिन्दगी कमा ने लूटी जिन्दगी गमा ने,
चौकठ पे आके जो भी सिर जो झुकाये रे,
ख़ाली झोली पल में देखो कैसे भर जाये रे,
ओम नमः शिवाय शिव जी सदा सहाय,
ओम नमः शिवाय गुरु जी सदा सहाय
मेरे गुरु जी खुशिया वंड दे ने बह के
बह के बड़े मंदिर विच,
तेरा हर वेले दिन रात गुरु जी शूकर करा,
मेरी बनी रही जी बात गुरु जी शूकर करा,
भवनों से उतर के शेरावाली आई है,
भक्तो को ख़ुशी की सौगात देने आई है,
ढोल ताशे नगाड़े भजा के,
ले चलो गणेश जी की पालकी सजा के,
आ गई रे देखो माँ काली आ गई रे,
छा गई रे छा गई रे देखो खुशाली छा गई रे,
आसरो म्हाने थारो है,
थारे भरोसा बैठा बाबा कोई न माहरो है,
शिव शंकर का जाप कर तू मुकति पायेगा,
नाम ले तू शिव का तू भव तर जायेगा,
मुझे मेरे श्याम सहारा देदो,
मेरी डूभी हुई नैया को किनारा देदो,
सुन ल्यो अर्जा म्हारी॥ ध्जाबन्द धारी
मैं तो आयो हूँ शरण मैं थारी,ध्जाबन्द
एक बार हमसे संवारे नजरे मिलाये,
नज़रे मिला के आप ज़रा मुस्कुराइए,
आया दीपावली तोहार के दीपक जलाओ रे,
पहले मंदिर में दीप धरे गे,
बेर मीठे मीठे मेरे हाथो से वो खाये गे,
शबरी को भरोसा है के राम मेरे आएंगे,
दीपावली को पूजते श्री लक्ष्मी गणेश,
शुभ लाभ लाते साथ में काटे सभी कलेश,
तार दे माँ तार दे भगता न माँ तार दे,
हाथ जोड़ के द्वार तेरे ते तेरे संत
आज किसने है तुझको सवारा कान्हा,
चाँद धरती पे किसने उतरा कान्हा,
मैं गुड़ियाँ तेरे आंगन की,
जाऊगी बैठ के डोली साजन की,
पग घुंघरू बाँध मीरा नाची रे,
मैं तो अपने नारायण की आप ही होगी दासी
क्या बिगाड़ेगा उसका जमाना,
राधा रानी का जो है दीवाना,
जप मेरी रसना सुबहो शाम राधे राधे,
मिश्री से ज्यदा मीठा नाम राधे राधे,
प्रभु लौटे है लंका जीत अयोध्या चमक
राम जी आये है लंका जी अयोध्या चमक रही,
लक्ष्मी जी आई सपने में मेरी किस्मत
मैया ने मुझको वचन दिया मेरी लॉटरी लगने
धनि चुनरियाँ ओड के मैं नाचू छमा छम
लाज शर्म सब छोड़ के मैं नाचू छमा छम
भक्तों ने मिलकर उत्सव मनाया है,
बस कमी आप की श्याम आ जाइये,
थारी भक्तो को रंग मापे चढ़ गया महारा
मैं जोगन बन के नाचू जी,
मेरे श्याम की चौकठ पे भक्तो मने पीहर
कल ख्याब में मेने देखा है किस्मत ये
खाटू से निकलते ही कुछ दूर चलते ही,
जाते कदम क्यों ठहर ग्यारस को आना है ये
श्याम दीवानो की इस जग में शान निराली
जाकर देखो उनके घर में रोज दिवाली है,
खाटू से निकलते ही कुछ दूर चलते ही पाँव
सांवरे की यादो को ले के चले है यो आंखे
मैया रानी अपने भक्तो के दुखड़े हर लेती
जब मैया किरपा करती है तो भंडारे भर
दीप घी के जले है हम ख़ुशी में ढले,
सब दिवाली मनाये है,आज राम जी घर आये है,
बंसी की धुन पर मस्ती में झूमे,
सारा गोकुल धाम नींद उड़ाई चैन चुराए
क्या ले कर के आउ मैं तेरे पास रे,
मुझे तुजसे मिली है ये उधार सँवारे,
दो दिल टुटे दो दिल हारे,
श्याम सहारा हमको तुम्हारा,
आज खुशी ना मन मैं समावै,
म्हारो मन डो नाचै गावै,
सालासर मार्ग मैं भगत जद, डी जे बजावै
बाला जी खुद नाचै सागै सारा भगत नचावै
तेरा राम जी करेगे वेडा पार उदासी मन,
काहे हो डरे,काहे हो डरे,काहे हो डरे,
कोई कहे संत तुझको कोई फ़कीर रे,
मुझे मेरा साई लागे सबसे अमीर रे,
कुंडा खोल या न खोल खड़काई जावागे,
ये नाम बड़ा है मस्त मस्त ये नाम बड़ा है
ये जीवन सिमरन में तू ला ले तेरा निकला
ओढ़ चुनरीया लाल मैया जी मेरे घर आना
सम्बलपुर मंदिर बन गयो रे खाटू वाला
खाटू धाम के जैसो बन गयो सम्बलपुर को
फर्क बड़ा है प्रेमी और राजा में
सुनो द्वारिका दीश बताये तेरे राधा,
ऐसी धूम मचायो जी ब्रिज में आइयो नन्द
आयो नन्द गोपाल देखो आयो नन्द के लाल,
दसरथ के राज कुमार वन में फिरते मारे
दुनिया के पालन हार वन में फिरते मारे
जब तक चुनरी जाचे न जाचे न ये दरबार,
मैया थारी चुनरी जचावा सो सो बार,
दिया बाटी के जाने माँ महिमा दरबार की,
आता माहि राख कालजो रोज उतारू आरती,
यह मेहँदी हाथा में बोर लो माथा में,
ओढे माँ चुनरी लाल लाल,
चल पड़ा शिव का पुजारी शिव को मनाने के
हाथ में ले गंगाजल गढवा शिव पे चढ़ाने
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