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मैं नाचों बनकर मोर गुरूजी तेरे चरनन
गुरु जी तेरे चरनन में गुरु जी तेरे
तुम प्रेम हो तुम प्रीत हो मेरी बांसुरी
तुम प्रेम हो तुम प्रीत हो मन मीत हो
पाइया तेरे दर तो मैं रेहमता हज़ारा
शुक्र गुजरा गुरु जी शुक्र गुजरा,
आखण तती हवा ना लगे
मै लाल तो सदके जाँवा
सुख पाया सुख पाया,
रेहम तेरी सुख पाया,
चिठिये नी हाये चिठिये लब ले नी पता माई
तनु दिल दी शाही नाल लिखियाँ,
ओ मोरे अंगना के भाग जगा,
मोरी अँखियो की प्यास भुजा साई बाबा
मेरी माँ का भुलावा आया मेरा सोया भाग
भवनों से भोली माँ ने सन्देश मुझे
मिल गया जब से श्याम का दीदार,
हर कदम पे दिख रहा है मुझको खाटू धाम,
यार मेरे बांसुरी वाले बता क्यों जींद
ठीक से पड़ो कर्म का लेख रे कान्हा
भोले का लेले नाम तू शंकर का लेले नाम तू,
दुखो भरी ज़िंदगी में चाहे जो आराम तू,
शिरड़ी न आऊ तो जी गबराता है,
ये तेरी किरपा है तू ही भुलाता है,
शिर्डी का मेला मुझसे कही छुट न जाए,
क्यों गाडी लेट चलाये क्यों गाड़ी लेट
सुनले श्याम, विनती गरीबो की,
अर्जी सुनो,सब भक्तों की,
गुड़िया तेरे आँगन की,
छोड़ चली मैं बाबुल का घर होकर अपने
शीश के दानी महाबल वाणी खाटू वाले श्याम
जय कारा है जयकारा श्याम धनि का जयकारा,
फर्याद करता हु दिल साद करता हु,
मुरली मनोहर से हिरदये की बात कहु गा
एह भगवन तेरे भक्त हम सवारों हमारे
हम शरण में रहे चरणों में रहे प्रभु
मेरे यार बांसुरी वाले दिल दार बांसुरी
तेरी यादा कर के हार गयो,
हाथो को थामे तुम रखना मैं कही न खो जाऊ,
मतलब की दुनिया में बाबा मैं न अकेला हो
मैनु रोक ना गुरु दे दर जा लें दे,
जाके अपने गुरु जी न मना लेंदे,
माफ़ करो गुरु जी माफ़ करो,
मेरी जान उजली मैं तो मिटी की डेरी,
युग युग जीवे मेरे सतगुर प्यारे तू,
हर हाल विच मेरे काज सवारे तू,
तेरे चरणों में मेरे गुरु मैं बिगड़ी
जो बात किसी से बन न सकी,
सज धज के गुरु जी घर आये,
लोको वे मैं आज झली हो गई,
शुकराना गुरु जी शुकराना गुरु जी ,
गुरु जी गुरु जी गुरु जी,
मैनु रोक ना गुरुआ दे दर जा लेंदे,
दात मुक्ति दी दाता कोलो पा लेंदे,
रही बक्श्दा तू किते होए कसूर दातिया,
सहनु चरना तो करी न तू दूर दातिया,
रातो को उठ उठ कर जिनके लिए रोते है,
वो अपने मकानों में आराम से सोते है,
गुरु देव मेरे तुमको भगतो ने पुकारा है,
आओ अब आ जाओ ईब तेरा सहारा है,
गुरु जी तुम हमारी आशा तुम ही विश्वाश
गुरु जी तुम ही ज़मीन तुम ही आकाश हो,
कब आएगा कब आएगा वो समा,
कैसा होगा वो समा पाएंगे हम मंजिल यहाँ,
गुरु नानक फड़ लई बांह जी हूँ डर काहदा,
साढ़े सिर ते गुरा दी छाँह जी हूँ डर
जब जब भी बाबा तेरे नैनो से नैन मिलाये,
नैना मेरे भर आये,
नजारा वो खाटू का क्या कहना,
नजारा वो खाटू का यहाँ बैठा बाबा श्याम
मुझको भी इक बार भूलना,
देखो मेरा दिल न दुखाना,
सच्चे हिरदये से हो के समर्पित अपने
ढूंढ़ता जो सदा सँवारे को संवारा भी उसे
सुख चैन दो सब को वला,
गम हो न किसी के संग न,
मेहरारखी मेहरा वालिये मेरे घर परिवार
दया दृष्टि पाउंदी रही माँ मेरे
भगत प्यारे दर्शन पाके करदे जन्म
माँ मेरी अम्बे दे दर लगाया मेला,
भुलैया नु राहे पौंड़ी वाणी बाबे नानक
ओ बन्दिया जीवन सफल बनाउँदी वाणी बाबे
मेरे भोले दा डमरू किथे वजया
जिथे जिथे वजया लहरा लहरा हो गईया
मुझको भी एक बार भुलाना,
देखो मेरा दिल न दुखाना,
आप जो मेरे साथ ना होते,
जीवन में मेरे ठाट ना होते,
मैं तो जोगन बन गई श्याम इक तेरे कारण,
मैंने छोड़ा जगत तमाम इक तेरे कारण,
फर्याद कर रहा हु सुन ले तू दर्द मेरा,
बाबा मुझे संभालो बस आसरा है तेरा,
महाराज गजानन जी पधारो माहरे कीर्तन
अपने घर का टेलफोन नंबर देदो मुझे श्याम
तेरे दर्श को डीकत डीकत सुबह से होगी
बाबा जी थी शरण में आया,
श्याम बाबा जी थी शरण में आया,
तुझको सोचूँगा तो सँवर मैं जाऊँगा,
बिन तेरे मेरे मोहन किधर जाउगा,
श्याम जी पधारो म्हारे आंगणा
श्याम जी पधारो बाबा जी पधारो,
हाथ में उनके हाथ तो फिर डर काहे का,
श्याम बाबा है मेरे साथ तो फिर दर काहे
जब जब दिल गबराते है मुझे श्याम नजर तू
दिल की बात बताने तेरे पास आ गई,
धर्म कर्म में लगा जन्म क्यों भटके रेत
मेरा श्याम धनि मिट जावे से भगता के हेत
नीले पे बेठियो बाबा श्याम लागे बंडो
मेरे श्याम तेरी जब से किरपा हुई,
है कमल की तरह ज़िंदगी खिल गई ,
एह श्याम तेरे दीवानो को और क्या चाहिए,
हम जब भी तुझे पुकारे इक झलक चाहिए,
खाटू के कण कण में विराजे श्याम धनि का
यही है कलयुग के अवतार,
काम जो थे अटके वो पुरे हो गये,
भाव जो थे आधे वो पुरे हो गये,
बंदगी में तेरी सँवारे ज़िंदगी जीना
फर्क ओरो में तुझे में है क्या सँवारे
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