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हे कलेश पति मेरा मन है तेरा शिवाला
मेरे नैनो में तेरा उजाला शंकर भोले,
जिन्हे कोख में मारते हो वो ही बेटियां
है सीता कोई तो कोई राधा,
होजो सारे तू सी भी त्यार भगतो,
लगा मेला चिंतपूर्णी दे द्वार भगतो,
लाड़ा तेरा गिठा नी ओ गौरजा,
दाधा गज गज लमक रेहा,
ना ही सोना चांदी ना ही खजाना चाहिदा,
मैनु तेरे चरना च ठिकाना चाहिदा,
वड्डा तेरा दरबार, सच्चा तुध तख़्त,
अपने चरणों से हमको लगा लो देवी माँ,
अब तो अपनी नगरियां भुला लो देवी माँ,
हरीदास के दुलारे तोपे वारे बलिहारे,
मोरमुकट पीताम्बर भारी,
राम जपो जी ऐसे ऐसे,
ध्रव प्रलाह्द जपियो हर जैसे,
मेरे साई नाथ ने क्या से क्या बना दियां,
माँगा था कतरा मैंने दरिया बना दियां,
गुरु जी तेरे भरोसे मेरा परिवार है,
तू ही मेरी नाव का माझी,
शेर पे सवार चली अम्बीके भवानी,
अम्बीके भवानी जगदम्बे के भवानी,
लाखों के भाग जगे मेरे बाबा के इशारे से,
खाली ना गया कोई मेरे श्याम के द्वारे
तुम करो दया मेरे साई,
ऐसी मत दीजै मेरे ठाकुर, सदा-सदा तुध
सारे जहाँ के मालिक तेरा ही आसरा है,
राजी हैं हम उसी में जिस में तेरी रजा है,
छायें कलि घटाएं तो क्या , तेरे आँचल के
आगे आगे वो चलती मेरे , अपनी श्यामा के
हुन कध मिलिए, प्रय तुध भगवंता,
एक घड़ी ना मिलतै ता कलजुग होता,
लो बलियाँ में साईं बार बार,
साई मेरी बाह फड़ ले,
हे माँ मेरी माँ प्यारी माँ न्यारी माँ,
मेवे मिश्री दा मा नू भोग तू लवाना ए,
भ्गता दी हाजरी तू चरना च लाना ए,
हज़ारी कबूल करनी माइयाँ जी साडी
बच्चियां नु ला लै चरनी माइयाँ जी साडी
सावन कदे कदे वसदा,
गुरा दी मेहर वसे दिन रात,
मंदिर बन गया प्यारा प्यारा बाबा तुम को
आना आना है प्यारा प्यारा दरबार लगाना
साइयाँ बचियाँ न प्यार दुलार दे देके तू
कुज होर न मंगना मैं सईया मैं ता करनीया
झूला पीपल घाल्याई री माँई जी थारे ताई
उचो पिपली को डोडो लाम्बोई झूले झूला
यमुना अशनान करना दुःख हरदी श्याम
ढोली जम के ढोल बजा आज है जगराता,
माँ का दरबार सजा आज है जगराता,
सोच ले ओ समझ प्राणी,
तेरी थोड़ी सी जिंदगानी,
काहे घबराता है दिल और काहे उदास है,
मुरलीधार मोहना दिल तेरे ही पास है,
मेरी बांके बिहारी से प्रीत के दुनिया
मेरी कुञ्ज बिहारी से प्रीत के दुनिया
राधे को भुलाओ श्री श्याम दौड़े आएंगे,
श्याम दौड़े आएंगे घनश्याम दौड़े
सुनते सुनाते तेरे द्वारे मैं तो आ गया,
देखा दरबार तेरा मेरा मन भा गया,
मुरली सुनाने वाले दिल को बहलाने वाले ओ
खुद सा बनाने वाले उचा उठाने वाले ओ
चलो लेके चलें बाबा की पालकी,
मिल के कहते जाए जय साई की,
साई एक तेरा सहारा के तुम बिन कौन हमारा,
भवर में मेरी नैया बड़ा ही दूर किनारा,
माँ ने बात बना दी है अब खुशियां ही
लॉटरी अब लगवा दी है अब खुशियां ही
बच्चे बूढ़े ये जवान सारे चावा नाल जान,
देखो खड़ियाँ ने गाड़ियां शृंगारियाँ,
मेरे श्याम जी आएंगे जरा देर लगे गी,
हम उन्हें रिजायेगे जरा देर लगे गी,
भरोसे आपके चाले जी,
सतगुरू मारी नाव,
धुप खेवाला अगरबत्ती ओ,
निज मंदरिया में,
सुनियो जी सुनियो जी गुरु महाराज जी,
तेरी ही किरपा मंगा मैं दिन और रात जी,
गुरू दे द्वारे उत्ते खड़ी झोली अड़ के,
गुरु जी ने खैर पाई मेरी बांह फड़ के,
जीते भी लकड़ी मरते भी लकड़ी,
देख तमाशा लकड़ी का,
देवा में देवी बड़ी, और बड़ी जगदम्बे
लज्जा मोरी राखियो, कीजो म्हारी सहाय,
भारत की इस सीधी भूमि पर अवधपुरी है धाम,
राम की अलख जगाना है राम की अलख जगाना है,
मन में इक हलचल है होती याद तेरी जब आती
कितना भी रोकू मैं बाबा आँख मेरी भर आती
चोकड़ी वे चोकड़ी कर बाबा की नौकरी,
बारी बरसरी ख़टन गया सी खाट के ले आंदा
मेरा जोगिया बोले एक तारा,
तुम्बा तुनक तुनक बोले,
गुरु चरना विच रह के कसमा खावागे
दिन होवे या रात हरि गुण गावागे
चाँद भी फीको पड़ गयो रे,
सांवरियो जादू कर गयो रे,
हमे तो जो भी दिया श्याम बाबा ने दिया,
हमेशा आप के हाथो से सिर झुका के लिया,
वार आईया अपने सावरे ते सब कुछ वार आईया
निहार आईया अपने सावरे दा मुखडा निहार
सुन वे ठाकुरा सुन वे फेर कदो सुनेगा
जे ना सुनेया हुन वे फेर कदो सुनेगा
सतनाम श्री वाहेगुरु,
खाटू वाले श्याम कस के पकड़ाइयो मेरा
गुरा दे दवारे चल बन्दया जिथे बिगड़ी
कान में कुडंल, गले वैजयंती,हाथ भालो
थारे सिर पर मुकूट हे प्यारो बापजी
खाली मोड़ी न खोल किरपा दे बूहे ,
संगता आइए ने खोल किरपा दे बूहे,
अंतरयामी नू दसा कि हाल दिल दा,
गुरु जी प्यारे नु दसा की हाल दिल दा,
सिर पे रुमाला रेहमत वाला,
चड़ा फकीरी रंग इक संत शिर्डी में आये
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