मान में अमृत रस घोलेतू ही मेरी आराधना
प्रेम माई है तू साधना
तू जो घूँघट पाट खोले
मान में अमृत रस घोले
राधे राधे मान बोले
मान में अमृत रस घोलेबंसी का हर राग है तू ही
जीवन का अनुराग है तू ही
तेरे नैनो की मीना का
लेकर मेरा मोर मुकुट
ये संग पवन के डोले
मान में अमृत रस घोले
राधे राधे मान बोले
मान में अमृत रस घोले तेरी मेरी प्रीत है अनुपम
जैसे पानी और हो चंदन
तेरे रंग में मई पीताम्बर
बन जाऊं और ये जीवन संग तेरे होल
मान में अमृत रस घोले
राधे राधे मान बोले
मान में अमृत रस घोलेजीवन में फिर क्या बाधा है संग जो मेरे तू राधा है
निर्धन का तू धन है राधा प्रेम के इस अनमोल रतन को
कौन तुला में टोले, मान में अमृत रस घोले
राधे राधे मान बोले
मान में अमृत रस घोले राधे राधे मान बोले
मान में अमृत रस घोले
maan me amarat ras gholetoo hi meri aaraadhanaa
prem maai hai too saadhanaa
too jo ghoonghat paat khole
maan me amarat ras ghole
radhe radhe maan bole
maan me amarat ras gholebansi ka har raag hai too hee
jeevan ka anuraag hai too hee
tere naino ki meena kaa
lekar mera mor mukut
ye sang pavan ke dole
maan me amarat ras ghole
radhe radhe maan bole
maan me amarat ras ghole teri meri preet hai anupam
jaise paani aur ho chandan
tere rang me mi peetaambar
ban jaaoon aur ye jeevan sang tere hol
maan me amarat ras ghole
radhe radhe maan bole
maan me amarat ras gholejeevan me phir kya baadha hai sang jo mere too radha hai
nirdhan ka too dhan hai radha prem ke is anamol ratan ko
kaun tula me tole, maan me amarat ras ghole
radhe radhe maan bole
maan me amarat ras ghole radhe radhe maan bole
maan me amarat ras ghole