शेरवा पर सवार मैया ओढे चुनरी,
एक हाथ में कह्पर ले ली एक हाथ में बाला,
एक हाथ आसीस रूप में एक हाथ में माला,
एक हाथ आसीस रूप में गल्ले में तुलसी माला,
शेरवा पर सवार मैया ओढे चुनरी......
भ्रमा विष्णु एहे बनोली एहे जग उपजोली,
एहे भगती में शक्ति दिख्ली दुर्गा रूप में इहली
शेरवा पर सवार मैया ओढे चुनरी......
तोहरा तो चरणा के असा और ना कुछ और बंटे,
तोहरा से हम आस लगली मत कर निरासा,
शेरवा पर सवार मैया ओढे चुनरी
sherava par savaar maiya odhe chunaree
ek haath me kahapar le li ek haath me baala,
ek haath aasees roop me ek haath me maala,
ek haath aasees roop me galle me tulasi maala,
sherava par savaar maiya odhe chunari...
bhrama vishnu ehe banoli ehe jag upajoli,
ehe bhagati me shakti dikhli durga roop me ihalee
sherava par savaar maiya odhe chunari...
tohara to charana ke asa aur na kuchh aur bante,
tohara se ham aas lagali mat kar niraasa,
sherava par savaar maiya odhe chunaree
sherava par savaar maiya odhe chunaree