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करके प्रीत पछताई रे बेदर्दी सांवरिया से,
दरदी पिया से बेदर्दी पिया से...

करके प्रीत पछताई रे बेदर्दी सांवरिया से,
दरदी पिया से बेदर्दी पिया से...


बरसो की कहे अब ही ना आए,
मेरे दिल को बहुत दुखाए,
काहे रूठा है मेरा कनाही रे बेदर्दी सांवरिया से...

लिख लिख बात मेंने बहुत बनाई
बेदर्दी को शरम ना आई
और कुब्जा से प्रीत लगाई रे बेदर्दी सांवरिया से...

अपनी थान जाने एक ना मानी,
बेदर्दी ने कदर ना जानी,
तूने प्रीत की रीत ना निभाई रे बेदर्दी सांवरिया से...

जो ऐसा जानती तो चकर मे ना पढती,
सांवरे छलिया से प्रीत नही करती,
तू तो निकला हरजायी रे बेदर्दी सांवरिया से...

करके प्रीत पछताई रे बेदर्दी सांवरिया से,
दरदी पिया से बेदर्दी पिया से...




karake preet pchhataai re bedardi saanvariya se,
daradi piya se bedardi piya se...

karake preet pchhataai re bedardi saanvariya se,
daradi piya se bedardi piya se...


baraso ki kahe ab hi na aae,
mere dil ko bahut dukhaae,
kaahe rootha hai mera kanaahi re bedardi saanvariya se...

likh likh baat mene bahut banaaee
bedardi ko sharam na aaee
aur kubja se preet lagaai re bedardi saanvariya se...

apani thaan jaane ek na maani,
bedardi ne kadar na jaani,
toone preet ki reet na nibhaai re bedardi saanvariya se...

jo aisa jaanati to chakar me na pdhati,
saanvare chhaliya se preet nahi karati,
too to nikala harajaayi re bedardi saanvariya se...

karake preet pchhataai re bedardi saanvariya se,
daradi piya se bedardi piya se...








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