मेरा अवगुण भरा शरीर, कहो ना कैसे तारोगे
कैसे तारोगे प्रभु जी मेरो, प्रभु जी कैसे तारोगे
मैली चारद मैली झील, कहो ना कैसे तारोगे |
पाप करंता हँसे यह मनवा, जाप करंता रोवे
भोग रोग में निसदिन जागे, कथा कीर्तन सोवे
नित नित सोचे उलटा तदबीर, कहो ना कैसे तारोगे
मेरा अवगुण भरा शरीर, कहो ना कैसे तारोगे...
मीरा तुलसी नहीं सुहावे, नौटंकी मन भावे
राम नाम से जी कतरावे, पल पल काम सतावे
हमे रुचे ना सूर कबीर, कहो ना कैसे तारोगे...
मेरा अवगुण भरा शरीर, कहो ना कैसे तारोगे....
कंचन और कामिनी मन ने करनी एक करी ना,
हीरे छोड़ बटोरी कंकर, तृष्णा तनिक मरी ना
ऐसी फूटी पड़ी तकदीर, कहो ना कैसे तारोगे...
मेरा अवगुण भरा शरीर, कहो ना कैसे तारोगे....
मेरा अवगुण भरा शरीर, कहो ना कैसे तारोगे
कैसे तारोगे प्रभु जी मेरो, प्रभु जी कैसे तारोगे
baar baar aane jaane mein, janmon ke taane baane mein