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दाता जी का हमने आज दर्शन पाना है,
तन मन को कर अर्पण मस्तक को झुकाना है...

दाता जी का हमने आज दर्शन पाना है,
तन मन को कर अर्पण मस्तक को झुकाना है...


दाता के मंदिर का एक अजब नजारा है,
चर्चा हो जमाने में कुछ ऐसा सजाना है,
बाबा के मंदिर को सोने का बनाना है,
दाता जी का हमने आज दर्शन पाना है...

जो पास हमारे है दाता का दिया तो है,
उसे अर्पण करने मे केसा शरमाना है,
दाता जी का हमने आज दर्शन पाना है...

हम दास ये कहते हैं, चरणों में रहते हैं,
तन मन को कर अर्पण मस्तक को झुकाना है,
दाता जी का हमने आज दर्शन पाना है...

दाता जी का हमने आज दर्शन पाना है,
तन मन को कर अर्पण मस्तक को झुकाना है...




daata ji ka hamane aaj darshan paana hai,
tan man ko kar arpan mastak ko jhukaana hai...

daata ji ka hamane aaj darshan paana hai,
tan man ko kar arpan mastak ko jhukaana hai...


daata ke mandir ka ek ajab najaara hai,
charcha ho jamaane me kuchh aisa sajaana hai,
baaba ke mandir ko sone ka banaana hai,
daata ji ka hamane aaj darshan paana hai...

jo paas hamaare hai daata ka diya to hai,
use arpan karane me kesa sharamaana hai,
daata ji ka hamane aaj darshan paana hai...

ham daas ye kahate hain, charanon me rahate hain,
tan man ko kar arpan mastak ko jhukaana hai,
daata ji ka hamane aaj darshan paana hai...

daata ji ka hamane aaj darshan paana hai,
tan man ko kar arpan mastak ko jhukaana hai...








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