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हम प्रेम दीवानी हैं, वो प्रेम दीवाना।
ऐ उधो हमे ज्ञान की पोथी ना सुनाना॥

हम प्रेम दीवानी हैं, वो प्रेम दीवाना।
ऐ उधो हमे ज्ञान की पोथी ना सुनाना॥

तन मन जीवन श्याम का, श्याम हम्मर काम।
रोम रोम में राम रहा, वो मतवाला श्याम।
इस तन में अब योग नहीं कोई ठिकाना॥

उधो इन असुवन को हरी सनमुख ले जाओ।
पूछे हरी कुशल तो चरणों में दीओ चढाओ ।
कहिओ जी इस प्रेम का यह तुच्छ नजराना॥

प्रेम डोर से बंध रहा जीवन का संयोग।
सुमिरन में डूबी रहें, यही हमारा योग।
कानो में रहे गूंजता वंशी का तराना॥

इक दिन नयन के निकट रहते थे आठों याम।
अब बैठे हमे विसार के, वो निर्मोही श्याम।
दीपक वो ज़माना था, और यह भी यमाना॥

सब तंत्र और मन्त्र क्रिया विधि से, मुरली ध्वनी प्रयोग बड़ा हैं
हरी कृष्ण सभी सत वयंजन में, अधरामृत मोहन भोग बड़ा है
जग में वही औषधि है ही नहीं, सब रोगों में प्रेम का रोग बड़ा है
जिसे योगी पतंजलि ने भी रचा, उस योग से कृष्ण वियोग बड़ा है

प्रेम प्रति मापे ज्ञान साधन और योग, रंग जोनसो चदेगो सोई फीको पड़ी जावेगो
धीरता अधीता को धारण करेगी रूप, त्याग अनुरागी के अंग भरी जावेगो
ध्यान धारणा की खबर पड़ेगी कब, नयन के कौरन बिंदु झारी जावेगो
एकहू वियोग की अगन चिंगारी पर, याद राखो उधो सारो योग जरी जावोगो

मेरे और मोहन की बातें, या मैं जानू या वो जाने
दिल की दुःख दर्द भरी खाते, या मैं जानू या वो जाने
जब दिल में उनकी याद हुई, एक शकल नयी इजाद हुई
पल पल यह मस्त मुलाकातें, या मैं जानू या वो जाने

नहीं हस्ते हैं, नहीं रोते हैं, नहीं जागते हैं, नहीं सोते हैं
यह दर्दे जुदाई की रातें, या मैं जानू या वो जाने
गम की घनघोर घटा गरजी, कामिनी वेदना की लरजी
द्रिग्बिंदु भरी यह बरसातें, या मैं जानू या वो जाने

शबनम गिरे चाहे पत्ती पर, वो पत्ती नम नहीं होती।
लाख जुदाई हो साजन से, मोहोबत कम नहीं होती॥

ऐ रे कारे भवर, कारे कपटी मधुकर, चल आगे ते दूर
योग सिखावन को हमे आयो, बड़ो निपट तू कर्रूर
जा घट रहत श्याम घन सुन्दर, सदा निरंतर पूज
ताहि छाड़ क्यूँ शुन्य अराधें, खोएं आपनो मूल
ब्रिज में सब गोपाल उपासी, यहान को ना लगावे धुल
अपनों नेम सदा जो निभावें, सो ही कहावे सूर

ऐ रे उधो, धन्य तुमरो वव्हार, धन्य वो ठाकुर,
धन्य वो सेवक, धन्य तुम बर्तन्हार
आम को काटि बबूल लगावत, चन्दन को कुर्वा
सूर श्याम कैसे निभेगी, अन्धं अंध सरकार

खारो से पूछिए ना किसी गुल से पूछिए
सदमा चमन की लुटने का बुलबुल से पूछिए

जा जा वे उधो तुरेआ जा, दुखिया नु सता के की लेना
जेहड़े जखम श्याम ने लाये ने, असीं जखम दिखा के की लेना
सानु घेहरे गमा विच रोड गया, सदी लगिया प्रीता तोड़ गया
ओ जींदा रहे, ओ वसदा रहे, ओहनू तडपा के की लैना

सब रिश्ते नाते चढ़ दित्ते, असी भेद भाव सब कढ दित्ते
हुन प्रेम डा भाम्बड मचेआ ए, तू पानी पा के की लेना
सपने विच आंदा रहंदा ए, सानु गल नाल लांदा रहंदा ए
हर दम वो साथ ही रहंदा ए, असी मथुरा जा के की लेना

साढ़े ते सर दा ताज है ओ, ब्रिज राज है ओ, महाराज है ओ
साढा जीवन प्राण आधार है ओ, असी होर किसे कोलो की लेना

प्रीती धन रावरे को ऋण अति भडयो सर,
जान नहीं पाऊं कर कैसे यह चुकिजिये
बार बार काहे को लजाओं हों गरीब मैं,
भावे राज त्रिबुवन तो गिरवी रख लीजिये
मूल धन देने को कदापि ना समर्थ जान,
मोको रख सूद में उरिन लिख जान लीजिये
ललित विहारिणी से ठानी ब्रिज धाम की,



hum prem deewani hain vo prem deewana

ham prem deevaani hain, vo prem deevaanaa
ai udho hame gyaan ki pothi na sunaanaa..


tan man jeevan shyaam ka, shyaam hammar kaam
rom rom me ram raha, vo matavaala shyaam
is tan me ab yog nahi koi thikaanaa..

udho in asuvan ko hari sanamukh le jaao
poochhe hari kushal to charanon me deeo chdhaao
kahio ji is prem ka yah tuchchh najaraanaa..

prem dor se bandh raha jeevan ka sanyog
sumiran me doobi rahen, yahi hamaara yog
kaano me rahe goonjata vanshi ka taraanaa..

ik din nayan ke nikat rahate the aathon yaam
ab baithe hame visaar ke, vo nirmohi shyaam
deepak vo zamaana tha, aur yah bhi yamaanaa..

sab tantr aur mantr kriya vidhi se, murali dhavani prayog bada hain
hari krishn sbhi sat vayanjan me, adharamrat mohan bhog bada hai
jag me vahi aushdhi hai hi nahi, sab rogon me prem ka rog bada hai
jise yogi patanjali ne bhi rcha, us yog se krishn viyog bada hai

prem prati maape gyaan saadhan aur yog, rang jonaso chadego soi pheeko padi jaavego
dheerata adheeta ko dhaaran karegi roop, tyaag anuraagi ke ang bhari jaavego
dhayaan dhaarana ki khabar padegi kab, nayan ke kauran bindu jhaari jaavego
ekahoo viyog ki agan chingaari par, yaad raakho udho saaro yog jari jaavogo

mere aur mohan ki baaten, ya mainjaanoo ya vo jaane
dil ki duhkh dard bhari khaate, ya mainjaanoo ya vo jaane
jab dil me unaki yaad hui, ek shakal nayi ijaad huee
pal pal yah mast mulaakaaten, ya mainjaanoo ya vo jaane

nahi haste hain, nahi rote hain, nahi jaagate hain, nahi sote hain
yah darde judaai ki raaten, ya mainjaanoo ya vo jaane
gam ki ghanghor ghata garaji, kaamini vedana ki larajee
drigbindu bhari yah barasaaten, ya mainjaanoo ya vo jaane

shabanam gire chaahe patti par, vo patti nam nahi hotee
laakh judaai ho saajan se, mohobat kam nahi hoti..

ai re kaare bhavar, kaare kapati mdhukar, chal aage te door
yog sikhaavan ko hame aayo, bado nipat too karroor
ja ghat rahat shyaam ghan sundar, sada nirantar pooj
taahi chhaad kyoon shuny aradhen, khoen aapano mool
brij me sab gopaal upaasi, yahaan ko na lagaave dhul
apanon nem sada jo nibhaaven, so hi kahaave soor

ai re udho, dhany tumaro vavhaar, dhany vo thaakur,
dhany vo sevak, dhany tum bartanhaar
aam ko kaati babool lagaavat, chandan ko kurvaa
soor shyaam kaise nibhegi, andhan andh sarakaar

khaaro se poochhie na kisi gul se poochhie
sadama chaman ki lutane ka bulabul se poochhie

ja ja ve udho turea ja, dukhiya nu sata ke ki lenaa
jehade jkham shyaam ne laaye ne, aseen jkham dikha ke ki lenaa
saanu ghehare gama vich rod gaya, sadi lagiya preeta tod gayaa
o jeenda rahe, o vasada rahe, ohanoo tadapa ke ki lainaa

sab rishte naate chadah ditte, asi bhed bhaav sab kdh ditte
hun prem da bhaambad mchea e, too paani pa ke ki lenaa
sapane vich aanda rahanda e, saanu gal naal laanda rahanda e
har dam vo saath hi rahanda e, asi mthura ja ke ki lenaa

saadahe te sar da taaj hai o, brij raaj hai o, mahaaraaj hai o
saadha jeevan praan aadhaar hai o, asi hor kise kolo ki lenaa

preeti dhan raavare ko rin ati bhadayo sar,
jaan nahi paaoon kar kaise yah chukijiye
baar baar kaahe ko lajaaon hon gareeb main,
bhaave raaj tribuvan to giravi rkh leejiye
mool dhan dene ko kadaapi na samarth jaan,
moko rkh sood me urin likh jaan leejiye
lalit vihaarini se thaani brij dhaam ki,
yah shyaam to gulaam pad jolo jag deejiye

ham prem deevaani hain, vo prem deevaanaa
ai udho hame gyaan ki pothi na sunaanaa..




hum prem deewani hain vo prem deewana Lyrics





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